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    10 विपक्षी सांसद निलंबित... मीटिंग में हंगामा, वक्फ पर बनी JPC की बैठक में क्या-क्या हुआ?

    वक्फ कानून में संशोधनों को लेकर गठित की गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। समिति के अध्यक्ष जगदंपिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर गाली देने का आरोप लगाया। बैठक में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद फिर से बैठक सुचारू रूप से चली।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Fri, 24 Jan 2025 09:16 PM (IST)
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    वक्फ पर बनी जेपीसी की बैठक में आज जमकर हंगामा देखने को मिला। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ कानून में संशोधनों को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में एक बार फिर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर बैठक की तारीख और एजेंडा बदलने का आरोप लगाते हुए तीखा विरोध जताया।

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    इस बीच जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर उन्हें गाली देने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

    10 विपक्षी सांसद निलंबित

    विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद जेपीसी की बैठक सुचारू रूप से चली, जिसमें जम्मू-कश्मीर मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के प्रमुख और अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीर वाइज उमर फारूख ने अपनी बात रखी।

    जेपीसी की बैठक शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने बैठक का एजेंडा और तारीख बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष पर उनके साथ घरेलू नौकर की तरह व्यवहार करने और सरकार के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के अनुसार बैठक के दौरान अध्यक्ष के पास लगातार फोन आ रहे थे, जिसमें सरकार की ओर से निर्देश दिये जा रहे थे।

    क्यों नाराज हैं विपक्षी सांसद?

    • विपक्षी सांसदों की नाराजगी की असली वजह 27 जनवरी को बुलाई गई बैठक है, जिसमें प्रस्तावित संशोधनों पर बिंदुवार चर्चा होनी थी।
    • संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट 29 जनवरी को सौंपने का लक्ष्य रखा है, लेकिन विपक्षी सांसद 30 या 31 जनवरी के बाद बैठक की मांग कर रह थे।
    • कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी की रिपोर्ट लाने की जल्दबाजी के पीछे दिल्ली विधानसभा का चुनाव है ताकि पांच फरवरी को होने वाले मतदान के पहले इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।
    • हालांकि, जगदंबिका पाल ने विपक्षी सांसदों के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जेपीसी का कार्यकाल एक बार बढ़ाया जा चुका है और अब उन्हें बजट सत्र के पहले अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

    जगदंबिका पाल ने क्या कहा?

    पाल के अनुसार विपक्षी सदस्य नहीं चाहते थे कि बैठक जारी रहे। इसलिए वे लगातार चिल्लाते और नारे लगाते रहे। ध्यान देने की बात है कि इसके पहले भी कल्याण बनर्जी पर बैठक के दौरान असंसदीय आचरण के आरोप लगते रहे हैं। एक बार उनपर बैठक के दौरान गुस्से में पानी की बोतल तोड़ने का आरोप भी लग चुका है जिसके कारण उनका खुद का हाथ घायल हुआ था।

    बैठक में अपने प्रजेंटेशन में उमर फारूक ने वक्फ कानून में संशोधनों का विरोध किया। उनके अनुसार जिस तरह से संशोधनों में वक्फ संपत्ति के निर्धारण में जिला कलक्टरों को अधिकार दिया गया है, उससे वक्फ संपत्ति सरकारी संपत्ति में तब्दील हो जाएगी।

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