पीएम मोदी से मिले चीले के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिच, दोनों देशों में इन समझौतों पर बनी सहमति
चीले के राष्ट्रपति बोरिच फोंत इस समय भारत के दौरे पर हैं। आज उन्होंने नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बता दें कि अपने खनन क्षेत्र में भारतीय निवेश चाहता है। चीले ने कहा कि वह तांबा व दूसरे खनिजों के उत्पादन में सहयोग को तैयार है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और चीले के बीच एक समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीपा) करने पर सहमति बनी है। भारत की यात्रा पर आये चीले के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिच फोंत और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक में यह सहमति बनी है।
इस बैठक में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आधारिक उद्योगों (इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा, सेमीकंडक्टर, रोबोटिक्स आदि) में इस्तेमाल होने वाले बहुमूल्य खनिजों के खनन व उत्पादन में सहयोग पर सहमति बनी है।
कॉपर और लिथियम उत्पादन में दुनिया के सबसे बड़े देश चीले भारत के साथ सहयोग करने को तैयार है। इसको लेकर भारत और चीले के बीच एक समझौता भी हुआ है। अभी चीले के इन खनिजों का सबसे बड़ा आयातक चीन है, लेकिन राष्ट्रपति बोरिच ने स्वयं कहा कि उनका देश इन खनिजों के कारोबार को विस्तारित करने को इच्छुक है।
अपने खनन क्षेत्र में भारतीय निवेश चाहता है चीले
चीले अपने खनन क्षेत्र में भारतीय निवेश चाहता है। राष्ट्रपति फोंत के साथ वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने चीले को एक महत्वपूर्ण मित्र देश बताते हुए कहा,
हमने आने वाले दशक में सहयोग के लिए कई नए क्षेत्रों की पहचान की है। हम इस बात पर सहमत हैं कि व्यापार व निवेश में सहयोग की काफी क्षमता हैं। आज हमने एक पारस्परिक लाभकारी समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते पर चर्चा शुरू करने के लिए अपने दल को निर्देश दिए हैं। क्रिटिकल मिनरल्स (बेहद महत्वपूर्ण खनिज उत्पाद) के क्षेत्र में साझेदारी को बल दिया जाएगा। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग किया जाएगा।
दो हफ्ते पहले ही एफटीए पर हुई चर्चा
बताते चलें कि दो हफ्ते पहले ही भारत ने दक्षिण अमेरिका के एक अन्य देश पेरू के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता की शुरुआत की है। भारत की चीले को लेकर एक और रूचि है और वह है इससे सटा क्षेत्र अंटार्टिका। राष्ट्रपति फोंत ने पिछले वर्ष इस दुरूह भौगोलिक क्षेत्र की यात्रा की थी।
पीएम मोदी ने मंगलवार को हुई द्विपक्षीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया और चीले राष्ट्रपति के अनुभव के बारे में पूछा। इसके बाद बोरिच फोंच ने पीएम मोदी को चीले आने और साथ साथ अंटार्टिका जाने के लिए आमंत्रित किया।
'भारत अंटार्टिका में रुचि रखता है'
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत अंटार्टिका में रूचि रखता है। एक वजह यह है कि वहां अन्य सभी विकसित देशों की तरफ से जलवायु से संबंधित शोध कार्य किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र को प्रकृति की प्रयोगशाला की संज्ञा दी जाती है। दूसरा, इस क्षेत्र में क्रिटिकल मिनिरल्स का भारी भंडार होने की संभावना है।
पीएम मोदी ने कहा भी कि हम चीले को अंटार्टिका के गेटवे के तौर पर देखते हैं। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आज दोनों पक्षों के बीच पर बनी सहमति का हम स्वागत करते हैं। राष्ट्रपति फोंत की इस यात्रा से भारत व चीले के संबंधों में नई ऊर्जा और उत्साह का सृजन हुआ है। राष्ट्रपति फोंत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की। नई दिल्ली के बाद वह आगरा, बेंगलुरु और मुंबई की यात्रा पर जाएंगे।
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