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    'जेडीयू-टीडीपी बताए वे क्या करेंगे', वक्फ बिल के विरोध पर कांग्रेस ने बताई क्या है आगे की रणनीति

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 09:08 PM (IST)

    सरकार की ओर से वक्फ बिल लाने की तेज हुई हलचल के मद्देनजर विपक्षी दलों ने एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों जदयू तथा तेलगूदेश को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस ने सोमवार को इसका साफ संदेश देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां तो वक्फ बिल का विरोध करेंगी मगर खुद को सेक्यूलर बताने वाली जदयू तथा तेलगूदेशम पार्टी क्या करेगी।

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    Waqf Bill News: कांग्रेस ने जदयू तथा तेलगूदेशम पार्टी पर सवाल उठाए।(फोटो सोर्स: पीटीआई)

    संजय मिश्र,नई दिल्ली। सरकार की ओर से मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक लाने की सियासी तैयारियों के बीच विपक्षी दलों ने भी इसकी राह रोकने की कोशिश के लिए अपनी लामबंदी शुरू कर दी है। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सभी दल कुछ विवादित प्रावधानों का हवाला देते हुए बिल का विरोध करेंगे।

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    सरकार की ओर से वक्फ बिल लाने की तेज हुई हलचल के मद्देनजर विपक्षी दलों ने एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों जदयू तथा तेलगूदेश को सवालों के कठघरे में खड़ा करने का दांव चलने के इरादे जाहिर कर दिए हैं।

    विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने सोमवार को इसका साफ संदेश देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां तो वक्फ बिल का विरोध करेंगी मगर खुद को सेक्यूलर बताने वाली जदयू तथा तेलगूदेशम पार्टी क्या करेगी।

    यह विधेयक संविधान पर सीधा आक्रमण है: कांग्रेस

    कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जहां तक कांग्रेस का प्रश्न है तो हमने पहले ही पांच कारणों की वजह से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने की स्पष्ट राय जाहिर कर दी है। यह विधेयक संविधान पर सीधा आक्रमण है और उसकी बुनियादी संरचना के बिल्कुल खिलाफ है।

    जयराम ने कहा कि केवल कांग्रेस ही नहीं तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद, वामपंथी पार्टियां, द्रमुक समेत विपक्ष की सभी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। इसलिए हमारा सवाल खुद को सेक्यूलर बताने वाली जेडीयू तथा टीडीपी से है जो संविधान में लिखित सर्वधर्म समभाव में विश्वास करने की बात करते हैं वे वक्फ बिल पर क्या करेंगे?

    लोकतांत्रिक तरीके से बिल का विरोध करेगी कांग्रेस: जयराम रमेश

    जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से बिल का विरोध करेगी क्योंकि जेपीसी में वक्फ विधेयक के 44 संशोधनों पर अनुच्छेद दर अनुच्छेद चर्चा नहीं की गई।

    सांसदों को 450 पेज की रिपोर्ट दो दिन में पढ़ने को कहा गया और समस्त संसदीय परंपराओं तथा प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाते हुए जेपीसी रिपोर्ट तैयार की गई। उन्होंने कहा कि जेपीसी में चर्चा नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही पांच वजहों से बिल के खिलाफ राय जाहिर की थी।

    कांग्रेस के अनुसार पहली खामी यह है कि पूर्ववर्ती कानूनों के तहत वक्फ प्रबंधन के लिए बनाए गए सभी संस्थानों की स्थिति, संरचना और अधिकार को सुनियोजित तरीके से कम करने का प्रयास किया गया है, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी धार्मिक परंपराओं और धार्मिक संस्थाओं के प्रशासनिक अधिकार से वंचित किया जा सके।

    दूसरा परिभाषा बदलकर भूमि को वक्फ उद्देश्यों के लिए दान करने में जानबूझकर अस्पष्टता लाई गई है। तीसरा परंपरा वक्फ बाई यूजर की अवधारणा को समाप्त किया जा रहा है। चौथा वक्फ प्रशासन को कमजोर करने के लिए बिना कारण मौजूदा कानून के प्रावधानों को हटाया जा रहा और जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों को बचाने के लिए सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं।

    वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों और उनके पंजीकरण से जुड़े मामलों में अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए जाने का प्रावधान पांचवी वजह है जिसके कारण कांग्रेस बिल का विरोध कर रही है।

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