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    इन शहरों को भिखारी मुक्त बनाने की तैयारी में केंद्र, लिस्ट में शामिल 30 नाम; तैयार हुआ पूरा प्लान

    Updated: Mon, 29 Jan 2024 03:51 PM (IST)

    भिक्षावृत्ति मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान सर्वेक्षण और पुनर्वास दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा फरवरी के मध्य तक एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। मालूम हो कि कोझिकोड विजयवाड़ा मदुरै और मैसूर ने पहले ही अपना यह सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।

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    भिखारी मुक्त होंगे ये 30 शहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने स्मार्ट सिटी वाले लक्ष्य पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल, सरकार की ओर से एक लिस्ट तैयार किया गया है, जिसमें केंद्र ने भिक्षावृत्ति में लगे वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 30 शहरों की पहचान की है।

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    सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य हॉटस्पॉट की पहचान करने और 2026 तक इन स्थानों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम अधिकारियों का समर्थन करना है।

    'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' का लक्ष्य

    'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' के लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान सर्वेक्षण और पुनर्वास दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा फरवरी के मध्य तक एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। इस ऐप पर भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाने वाले लोगों की पहचान कर उसे अपडेट किया जाएगा।

    एक ही पैटर्न पर हो रहा काम

    सर्वेक्षण और पुनर्वास को लागू करने के लिए चयनित शहरों में अधिकारियों को आश्रय, कौशल, शिक्षा और पुनर्वास प्रदान करने की प्रगति रिपोर्ट मोबाइल ऐप और पोर्टल पर भी अपडेट करनी होगी। अधिकारियों के अनुसार प्रगति के तहत सर्वेक्षण एक समान पैटर्न का पालन कर रहे हैं। सभी भिखारियों से पूछ रहे हैं कि क्या वे भीख मांगना छोड़ना चाहते हैं और इसकी जगह आजीविका के लिए क्या करना चाहते हैं।

    इन 30 स्थानों का हुआ चयन

    मालूम हो कि धार्मिक महत्व के जिन 10 स्थानों पर भिखारियों के पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें अयोध्या, ओंकारेश्वर, कांगड़ा, सोमनाथ, उज्जैन, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मुदैर और गुवाहाटी शामिल हैं। दिशानिर्देशों के मुताबिक, संबंधित धार्मिक ट्रस्ट या श्राइन बोर्ड भी इन स्थानों पर भीख मांगते पाए जाने वालों के पुनर्वास में शामिल होंगे।

    इसके अलावा, पर्यटन स्थलों में जैसलमेर, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, कुशीनगर, सांची,  केवडिया, श्रीनगर, नामसाई, खजुराहो, और पुडुचेरी शामिल हैं। वहीं, वारंगल, तेजपुर, कोझिकोड, अमृतसर, उदयपुर, कटक, इंदौर, मैसूर, पंचकूला, शिमला, तेजपुर ऐतिहासिक शहरों की सूची में हैं।

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    सांची में नहीं एक भी भिखारी

    30 शहरों में से 25 से कार्ययोजना प्राप्त हो चुकी है और कांगड़ा, कटक, उदयपुर और कुशीनगर की प्रतीक्षा है। वहीं, सांची के अधिकारियों ने बताया है कि उस क्षेत्र में एक भी भिखारी नहीं है, जिसके बाद उसकी जगह किसी और शहर को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इस बीच, कोझिकोड, विजयवाड़ा, मदुरै और मैसूर ने पहले ही अपना सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।

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