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    CBI grill Satya Pal Malik: सत्यपाल मलिक के 300 करोड़ की घूस की पेशकश के आरोपों पर सीबीआइ ने उनसे पूछताछ की

    By AgencyEdited By: Krishna Bihari Singh
    Updated: Sun, 09 Oct 2022 12:09 AM (IST)

    सीबीआई ने सत्य पाल मलिक से उन आरोपों की बाबत पूछताछ की है जिसमें उन्‍होंने दावा किया था कि जब वे जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल थे तब दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्‍हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

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    सीबीआई ने सत्य पाल मलिक से पूछताछ की है, जानें क्‍या है पूरा मामला...

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सीबीआइ ने जम्मू-कश्मीर में दर्ज भ्रष्टाचार के दो मामलों के संबंध में सत्यपाल मलिक से पूछताछ की है। मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर अप्रैल में भ्रष्टाचार के दोनों मामले दर्ज किए गए थे। सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआइ टीम ने इस सप्ताह की शुरुआत में उनकी टिप्पणियों का विवरण लिया। मलिक का राज्यपाल के रूप में पांच साल का कार्यकाल चार अक्टूबर को समाप्त होने के बाद उनसे पूछताछ की गई है।

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    राज्‍यपाल का कार्यकाल खत्‍म होते ही पूछताछ 

    पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई टीम ने इस हफ्ते की शुरुआत में उनकी टिप्पणियों का विवरण लिया। यह पूछताछ तब हुई है जब राज्यपाल के रूप में मलिक का पांच साल का कार्यकाल चार अक्टूबर को खत्‍म हुआ है। मलिक को 2017 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया था। अगस्त 2019 में मलिक के रहते ही अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रविधान निरस्त कर दिए गए थे। बाद में उनको मेघालय भेज दिया गया, जहां उनका कार्यकाल इसी महीने समाप्त हुआ।

    300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश

    मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए बयान जारी किए थे। उन्होंने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा था, इनमें से एक फाइल अंबानी की थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति की, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे। वे खुद को प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) का बहुत करीबी बताते थे।

    दर्ज की थी दो प्राथमिकियां 

    इस साल अप्रैल में सीबीआइ ने मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की। इनमें सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना और किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये का ठेका शामिल था।

    पांच कुर्ता पायजामा लेकर आया हूं और उसी के साथ जाऊंगा

    मलिक ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के झुंझुनू में एक सभा में कहा था, मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि यह एक घोटाला है। फिर मैंने दोनों सौदे रद कर दिए। सचिवों ने मुझसे कहा था कि 'आपको फाइलें क्‍लीयर करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मैं पांच कुर्ता पायजामा लेकर आया हूं और उसी के साथ जाऊंगा। मलिक ने यह भी कहा था कि हालांकि उन्‍होंने दोनों डील रद कर दी थी।

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