Budget Session 2025: बजट सत्र के दूसरे चरण में जोरदार हंगामा, विपक्ष ने उठाए कई मुद्दे
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन ही हंगामा देखने को मिला। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची विवाद पर चर्चा कराने की विपक्ष की ओर मांग उठाई। इसके साथ ही राज्यसभा में खरगे ने भी यही मुद्दा उठाया। संसद में विपक्षी सांसदों ने परिसीमन में दक्षिण के राज्यों में लोकसभा सीटें घटने की चिंताओं पर चर्चा की मांग भी उठाई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन ही विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र, हरियाणा और बंगाल सहित कई राज्यों में वोटर लिस्ट और मतदाता पहचान पत्र में कथित हेरफेर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर चर्चा की मांग की।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए वोटर लिस्ट में गंभीर विसंगतियों पर चर्चा आवश्यक है। राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में विपक्ष की ओर से मतदाता सूची पर सवाल उठाए जा रहे हैं, इन पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में फोटो पहचान पत्र(ईपीआइसी)-वोटर लिस्ट की विसंगतियों पर चर्चा का नोटिस खारिज होने के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।
संसद में उठा मतदाता सूची का मु्द्दा
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य के मुर्शिदाबाद और बर्धमान संसदीय क्षेत्रों में समान नंबर के ईपीआइसी होने के दावे को उठाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को देश को यह जवाब देना चाहिए कि मतदाता सूचियों में यह गलतियां क्यों हुईं। टीएमसी सांसद के मुद्दा उठाने के बाद राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से स्पीकर के समक्ष चर्चा की मांग रखी।
इसके बाद शून्यकाल में टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने बंगाल में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा करते हुए आरोप लगाया कि गुजरात और हरियाणा से इन्हें लाया जा रहा है, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग चाहे दावे करे, मगर स्पष्ट है कि पिछले कुछ सालों में कोई निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हुआ है और उचित काम नहीं करने के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
राज्यसभा के उपसभापति ने विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज किया
राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने वोटर लिस्ट विसंगतियों पर नियम 267 के तहत चर्चा का विपक्षी सांसदों का नोटिस खारिज कर दिया। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे उठाने की कोशिश की, मगर इजाजत नहीं दी गई।
इसके विरोध में विपक्षी सांसदों ने पहले हंगामा किया और फिर सदन से वाकआउट कर विरोध दर्ज कराया। इससे पूर्व द्रमुक के त्रिची शिवा और केपी विल्सन, एमडीएमके के वाइको, सीपीआई के के. संतोष कुमार आदि ने अगले परिसीमन में दक्षिण के राज्यों में लोकसभा सीटें घटने की चिंताओं पर चर्चा की मांग उठाई।
खरगे ने उठाया मतदाता सूची में विभिन्न विसंगतियों का मुद्दा
इसके अलावा कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और अजय माकन तथा टीएमसी के साकेत गोखले और सागरिका घोष ने राज्यों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जारी किए जाने में चुनाव आयोग की कथित चूक पर चर्चा का मुद्दा उठाया। मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि पूरा विपक्ष मतदाता सूची में विभिन्न विसंगतियों को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर विस्तृत चर्चा चाहता है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच सिर्फ छह महीनों में लाखों मतदाताओं की अचानक वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने मतदाता सूची मांगी है, मगर चुनाव आयोग ने जवाब नहीं दिया है। राज्यसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि संसद को लोकतंत्र और संविधान के प्रति लोगों की आस्था की रक्षा करनी चाहिए और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को प्रभावित करने वाले ऐसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की आवश्यकता है।
हम हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार: नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने वॉकआउट को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए विपक्षी सांसदों को संसदीय नियमों का रिफ्रेशर कोर्स करने की नसीहत दी। उन्होंने आरोप लगाया कि नियम 267 के तहत नोटिस देकर संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, मगर विपक्ष की बहस में दिलचस्पी नहीं है।
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