Budget 2025: न्यूक्लियर एनर्जी की दुनिया में प्राइवेट सेक्टर की एंट्री की तैयारी; ऊर्जा क्षेत्र में क्या होंगे बदलाव? पढ़ें डिटेल
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। बजट में ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए 20000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और पूंजीगत वस्तुओं पर शुल्क छूट की घोषणा की। वर्तमान में परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में बिजली क्षेत्र के लिए आधार भार के रूप में कोयले की जगह ले सकता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आज केंद्रीय बजट पेश किया। उन्होंने ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और पूंजीगत वस्तुओं पर शुल्क छूट की घोषणा की।
दरअसल, शनिवार को लोकसभा में अपना आठवां लगातार बजट पेश करते हुए, वित्तमंत्री ने 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा के विकास के लिए विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा संक्रमण प्रयासों के लिए यह मिशन आवश्यक है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए, परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे।
परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देना क्यों जरुरी?
बता दें कि वर्तमान में परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में बिजली क्षेत्र के लिए आधार भार के रूप में कोयले की जगह ले सकता है। 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के अनुसंधान और विकास के लिए एक परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित किया जाएगा। 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से विकसित एसएमआर चालू हो जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जुलाई 2024 के बजट में, उन्होंने 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर मूल सीमा शुल्क में पूरी तरह से छूट दी थी जो घरेलू रूप से उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने एमएसएमई द्वारा उनके प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 2 अन्य ऐसे खनिजों के बीसीडी को भी कम कर दिया था।
क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा कि अब मैं कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को पूरी तरह से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं। इससे भारत में विनिर्माण के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने और हमारे युवाओं के लिए अधिक रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
इसी के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने कहा कि ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को शुल्क से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना होगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीति समर्थन, क्रियान्वयन रोडमैप, शासन और निगरानी ढांचा प्रदान करके 'मेक इन इंडिया' को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर करने वाले राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कहा कि जलवायु-अनुकूल विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को देखते हुए, मिशन स्वच्छ तकनीक विनिर्माण का भी समर्थन करेगा।
इसका उद्देश्य घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार करना और सौर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर और नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइज़र, पवन टर्बाइन, बहुत उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरी के लिए हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना होगा।
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