विदेश में बढ़ रही भारतीय कृषि और खाद्य पदार्थों की मांग, निर्यात में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी; देखें आंकड़े
कृषि और खाद्य पदार्थों के निर्यात में वृद्धि ने भारत के समग्र निर्यात को बढ़ावा दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि निर्यात में 10% की वृद्धि हुई जिससे वस्तुओं के कुल निर्यात में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। खाड़ी देशों में सब्जी निर्यात में वृद्धि और यूरोप व अमेरिका में आर्गेनिक उत्पादों की मांग ने कृषि निर्यात को बल दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना काल के बाद से कृषि व खाद्य पदार्थों के निर्यात में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि निर्यात के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत वस्तुओं के कुल निर्यात में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा सकी।
इस अवधि में वस्तु के कुल निर्यात में वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले सिर्फ 0.08 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही जबकि कृषि व खाद्य आइटम के निर्यात में 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। वस्तुओं के कुल निर्यात में 13 आइटम कृषि व अन्य खाद्य पदार्थों से जुड़े हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में इन 13 आइटम का निर्यात 44.3 अरब डालर का रहा जबकि इससे पूर्व के वित्त वर्ष में यह निर्यात 40.6 अरब डॉलर का था।
खाड़ी देशों में सब्जी निर्यात बढ़ी
पिछले वित्त वर्ष में नए-नए बाजार में पहली बार कई भारतीय फल व सब्जी का निर्यात किया गया और इससे भी निर्यात बढ़ाने में मदद मिली। इनमें अनार, कटहल, केला, चीकू जैसे आइटम शामिल है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से खाड़ी के देशों में सब्जी के निर्यात में भी बढ़ोतरी हो रही है। यूरोप व अमेरिका में आर्गेनिक उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी से भी कृषि निर्यात को बल मिला है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक काफी, चाय व तंबाकू के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
तिलहन के निर्यात में दिखी गिरावट
वित्त वर्ष 2024-25 में काफी के निर्यात में वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 40.37 प्रतिशत, चाय में 11.84 तो तंबाकू में 36.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। चावल के निर्यात में 19.73 प्रतिशत, मांस. डेयरी एवं पोल्ट्री उत्पाद में 12.57 प्रतिशत तो फल व सब्जी में 5.67 प्रतिशत का इजाफा रहा। लेकिन विभिन्न प्रकार के अनाज के निर्यात में 47 प्रतिशत, तिलहन में 21 प्रतिशत तो काजू के निर्यात में 0.31 प्रतिशत की गिरावट रही।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक निर्यात में बढ़ोतरी के लिए भारतीय कृषि पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और इस काम के लिए कई लैब स्थापित किए गए हैं। कई बार निर्यात की एक खेप के माल के खराब होने से पूरे माल को खराब मान लिया जाता है। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए गुणवत्ता पर फोकस किया जा रहा है।
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