अरावली पर 'सुप्रीम' फैसले का पर्यावरण मंत्री ने किया स्वागत, बोले- 'पर्वतमाला की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध'
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अरावली पर्वतमाला की 100 मीटर की नई परिभाषा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय अराव ...और पढ़ें

फैसले का केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने स्वागत किया
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला की सौ मीटर की नई परिभाषा संबंधी अपने आदेश पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने स्वागत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि 'अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।'
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से अरावली पर्वतमाला के अध्ययन के लिए एक नई समिति गठित किए जाने के आदेश का भी स्वागत किया है। यादव ने कहा कि 'अरावली की सुरक्षा व संरक्षण के लिए वह गठित होने वाली नई समिति को भी पूरा सहयोग देने को तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार अरावली में नए खनन पट्टे या पुराने खनन के पट्टे के नवीनीकरण पर पूरी तरह से रोक जारी है।'
नई परिभाषा पर हुआ था विवाद
गौरतलब है कि अरावली पर्वतमाला की जिस नई परिभाषा पर यह विवाद खड़ा हुआ था, उसे भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित एक विशेषज्ञ कमेटी ने तैयार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उसे मंजूरी भी दी थी।
इधर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के इंटरनेट मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने वाले पोस्ट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने चुटकी ली और उनके पोस्ट को री-पोस्ट करते हुए कहा कि 'सचमुच में मंत्री जी, हिप्पोक्रेसी की कोई सीमा नहीं।' इससे पहले भी अरावली की नई परिभाषा पर उठे विवाद पर केंद्रीय मंत्री यादव की सफाई पर जयराम रमेश ने पलटवार किया था।

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