इस पाक जासूस का पूरा खर्च उठा रही भोपाल पुलिस, ISI के कहने पर आया था भारत
12 वर्षों की सजा पूरी होने के बाद भी भोपाल पुलिस पाकिस्तान के एक जासूस का पूरा खर्चा वहन कर रही है। वहीं पाकिस्तान उसे वापस नहीं ले रहा है। वह ISIS के कहने पर भारत आया था।
नइ दिल्ली। कैदियों से बर्ताव के मामले में भारत और पाकिस्तान की नीति बिल्कुल उलट है। एक ओर जहां पाकिस्तान में भारतीयों को झूठे आरोपों में फंसाकर फांसी की सजा सुना दी जाती है वहीं भारत में पाकिस्तान के हाथों कठपुतली बनने वाले और भारत में जासूसी करने वालों के साथ भी बदसलूकी नहीं की जाती। इसका एक जीता जागता उदाहरण भोपाल में देखने को मिलता है। जिसकी रिहाई के बाद पाकिस्तान अपने नागरिक को लेने पर अब तक राजी नहीं हुआ है। लिहाजा उसका खाने से लेकर अन्य चीजों का खर्चा भोपाल पुलिस उठा रही है।
यह कहानी है साजिद मुनीर की जिसे आईएसआई ने भारत में जासूसी के लिए भेजा था और यहां वह 2004 में गिरफ्तार कर लिया गया। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक साजिद की कहानी कराची से शुरू होती है जहां पर उसने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए एक कत्ल कर दिया था। इसके बाद उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। सजा से बचने के लिए वह जब कानून की नजरों से भागा-भागा फिर रहा था तभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की नजर उस पर पड़ गई। यहीं से ही उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। पाकिस्तान की पुलिस और कत्ल के आरोप में सजा न होने का लालच देकर आईएसआई ने उसको भारत में जासूसी करने पर राजी कर भारत भेज दिया था।
भारत में उसके पास से जांच अधिकारियों को कुछ संवेदनशील दस्तावेज हासिल हुए। इसके बाद उसको कोर्ट ने जासूसी के आरोपों में 12 वर्ष की सजा सुनाई थी। पिछले वर्ष उसकी यह सजा भी पूरी हो गई थी, जिसके बाद उसको पाकिस्तान भेजा जाना था। इसके लिए भारत ने पूरी कागजी कार्यवाही भी कर ली थी। लेकिन पाकिस्तान ने अपने ही नागरिक को वापस लेने के बाबत कोई गंभीरता नहीं दिखाई। आज तक भी पाकिस्तान की तरफ से इस बाबत कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसकी वजह से साजिद आज भी भारत में ही है।
उसकी कहानी सिर्फ यहीं पर ही खत्म्ा नहीं होती है। जेल से रिहा होने के बाद उसकी सारी जिम्मेदारी भोपाल पुलिस उठा रही है। उसके खाने से लेकर अन्य चीजों का खर्चा भी वही वहन भी करती है। रिहाई के दस माह बीत जाने के दौरान भोपाल पुलिस की तरफ कई बार पाकिस्तान के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है। लेकिन उन्होंने इस पर कभी कोई गौर नहीं किया है। फिलहाल साजिद सिटी ऑफ लेक के नजदी कोह-ए-फिजा पुलिस स्टेशन की देखरेख में है। उसको वापस उसके मुल्क भेजने के लिए डिस्ट्रीक स्पेशल ब्रांच ने एक बार फिर कोशिश की है, जिस पर अभ्ाी तक भोपाल पुलिस पाकिस्तान से मिलने वाले रेस्पांस्ा का इंतजार कर रही है।
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