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    मानसून सत्र में भी वंदे मातरम का बहिष्कार करेंगे बर्क

    By Edited By:
    Updated: Mon, 05 Aug 2013 06:17 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में संभल लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि वह मानसून सत्र में भी संसद में अनुपस्थित रहकर वं ...और पढ़ें

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    संभल। उत्तर प्रदेश में संभल लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि वह मानसून सत्र में भी संसद में अनुपस्थित रहकर वंदे मातरम का बहिष्कार करेंगे।

    पढ़ें: वंदेमातरम के बारे में बसपा सांसद ने ये क्या कह दिया!

    बर्क ने रविवार देर रात चंदौसी में मुस्लिम विकास मंच द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने 1997 में भी संसद के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में भी वंदे मातरम का विरोध किया था और पांच अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में भी अनुपस्थित होकर इसका विरोध करेंगे।

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    पढ़ें: बसपा सांसद ने किया वंदे मातरम का बायकॉट

    उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का मतलब भारत माता की पूजा या वंदना है और इस्लाम में पूजा करना जायज नहीं है, यह इस्लाम के खिलाफ है। इस मुद्दे पर उनकी पार्टी (बसपा) भी उनके साथ है।

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    फूड सिक्योरिटी बिल का विरोध करेगी सपा

    आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर कांग्रेस और सपा में तलवारें खिंच गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दुर्गा शक्ति के निलंबन मामले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था। सपा को यह नागवार गुजरा है।

    संसद में बिल के खिलाफ वोटिंग करेगी

    सपा ने कहा है कि वह संसद में फूड सिक्योरिटी बिल का समर्थन नहीं करेगी। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि पार्टी ने फूड सिक्योरिटी बिल का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि इसका सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री को लिखे खत से कोई लेना देना नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि पार्टी को फूड सिक्योरिटी बिल का मौजूदा स्वरूप स्वीकार नहीं है। संसद में वोटिंग के दौरान बिल के विरोध में मत डालेंगे।

    संसद में खुलेगा नौकरशाहों पर जुल्म-ज्यादती का पिटारा

    उत्तर प्रदेश की आइएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर अब संसद भी गरम हो सकती है। फिलहाल मामला भले ही उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से जुड़ा हो, लेकिन इसके बहाने देश के दूसरे राज्यों में भी नौकरशाहों और पुलिस अफसरों के साथ नाइंसाफी का मामला भी तूल पकड़ सकता है। बसपा, वामदलों समेत अन्य दलों ने भी दुर्गा शक्ति के निलंबन को उत्तर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था से जोड़कर मामले को संसद में उठाने की रणनीति बनाई है। सपा ने भी ऐसी किसी कोशिश पर कांग्रेस, भाजपा और बसपा को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति तैयार की है।

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    सूत्रों के मुताबिक वामदल खासतौर से भाकपा और बसपा ने दुर्गा शक्ति के निलंबन मामले को संसद में उठाने की रणनीति बनाई है। उत्तर प्रदेश में फिर से खुद की राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए जद्दोजहद कर रही भाजपा भी बहती गंगा में हाथ धोने की फिराक में है। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही दुर्गा शक्ति के साथ अन्याय न होने देने और केंद्र से संभावित दखल के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले को तूल दे दिया है। यानी, संसद में इस मामले में हर कोई उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को महिला आइएएस अफसर से उसकी नाइंसाफी के लिए आईना दिखाने की फिराक में है।

    संसद में अपने विरोधियों की रणनीति सपा भी भांप चुकी है। लिहाजा, उसने इसी तरह के मामलों में कांग्रेस, भाजपा और बसपा को आड़े हाथों लेने की रणनीति बनाई है। इन दलों ने अपनी सरकारों में अफसरों पर कैसे जुल्म ढाए हैं, सपा ने उनकी सूची तैयार कर ली है। संसद में दुर्गा शक्ति के निलंबन का मामला उठा तो लोकसभा में खुद सपा प्रमुख मुलायम सिंह विरोधियों को जवाब देंगे, जबकि राज्यसभा में पार्टी ने नरेश अग्रवाल को इस मोर्चे पर लगाया है। अग्रवाल ने कहा भी, 'बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी। सवाल यह है कि क्या संसद में नगरपालिका, टाउन एरिया और मुहल्लों के छोटे मसलों पर चर्चा होगी। रही बात अफसरों पर कार्रवाई की तो गुजरात में आइपीएस संजीव भंट्ट, राजस्थान में आइपीएस पंकज चौधरी और हरियाणा के आइएएस अशोक खेमका के साथ हुए बर्ताव पर भी राजनीतिक दलों को जवाब देना होगा।'

    अग्रवाल ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है। रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। सीमा पर सुरक्षा के सवाल जस के तस हैं। ऐसे में सरकार ने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने का एलान कर देश को नई आग में झोंक दिया है। संसद में इन मुद्दों पर चर्चा होना जरूरी है। अब सरकार और दूसरे दलों को तय करना है कि वे देश के ज्वलंत व जरूरी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं या फिर राज्यों के छोटे-मोटे मसलों पर संसद का समय बर्बाद करना चाहते हैं।

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