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    मानसून सत्र भी हंगामेदार रहने के आसार

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    Updated: Sun, 04 Aug 2013 09:33 PM (IST)

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्ष से कुछ मुद्दों पर समन्वय बैठाकर सरकार अपने जरूरी विधेयकों को पारित कराने की कोशिश में भले ही जुटी हो, लेकिन मानसून सत् ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्ष से कुछ मुद्दों पर समन्वय बैठाकर सरकार अपने जरूरी विधेयकों को पारित कराने की कोशिश में भले ही जुटी हो, लेकिन मानसून सत्र भी हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। दरअसल, विपक्ष की रणनीति के मुताबिक सरकार से सहयोग तभी होगा जब विपक्ष को भी पूरा मौका मिलेगा। जाहिर है कि रेलगेट व पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल, सीबीआइ व आइबी का टकराव, डीजल व पेट्रोल के बढ़ते मूल्य समेत कई मुद्दों पर खुली बहस सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करेगी। खासतौर पर तब जब अगले कुछ महीनों के भीतर चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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    रविवार को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर पहले संसदीय दल और फिर राजग की बैठक में रणनीति तय हो गई है। चुनावी माहौल में जहां सरकार के लिए खाद्य सुरक्षा सबसे अहम है। वहीं, राजग संशोधनों के लिए दबाव बनाएगा। बैठक के बाद राज्यसभा में उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन, क्रियान्वयन व्यवस्था जैसे कई मसलों पर पार्टी को चिंता है। लिहाजा, संसद में उसे दुरुस्त करने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ मॉडल पर खाद्य सुरक्षा विधेयक लाना चाहती है। दरअसल, हर किसी की कोशिश होगी कि खाद्य सुरक्षा का श्रेय अकेले कांग्रेस के खाते में न जाने दिया जाए। तेलंगाना पर भी रुख कुछ ऐसा ही होगा। भाजपा की ओर से तत्काल इसे पारित कराने का दबाव बनाते हुए यह दिखाने की कोशिश होगी कि कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक कारणों से तेलंगाना गठन को मानने के लिए तैयार हुई है, लेकिन मंशा अभी भी साफ नहीं है।

    पिछले कुछ सत्रों में लगातार सरकार का कोई न कोई मंत्री भ्रष्टाचार के कारण निशाने पर रहा है। विपक्ष इस सत्र को भी अछूता नहीं जाने देगा। यूं तो रेलगेट का मामला पिछले सत्र के वक्त ही आ गया था, लेकिन रेल मंत्री बंसल का इस्तीफा बाद में हुआ था। इतने शोरशराबे के बाद अब सीबीआइ बंसल के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं देखती है, जबकि बंसल भाजपा पर बदनाम करने के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में मानसून सत्र में यह मामला फिर से गरमाएगा। चंडीगढ़ में बंसल के खिलाफ चुनाव लड़ चुके सतपाल जैन ने रविवार को संसदीय दल की बैठक में अपनी ओर से बंसल पर पूरी जानकारी दी।

    राजग की बैठक के बाद रविशंकर ने कहा कि विपक्ष जरूरी विधेयकों पर अपनी शर्तो के साथ सहयोग करेगा, लेकिन सरकार को भी विपक्ष को हर उस मुद्दे पर चर्चा की छूट देनी होगा जो राष्ट्रीय महत्व का है। उत्तराखंड आपदा और राज्य सरकार की विफलता, लगातार गिर रहे रुपये के मूल्य, चीनी हमला समेत कई मुद्दों पर संसद गर्म रहेगी। जदयू से अलगाव के बाद रविवार को राजग बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ अकाली दल से रत्तन सिंह अजनाला व नरेश गुजराल, शिवसेना से अनंत गीते और हरियाणा जनहित कांग्रेस से कुलदीप बिश्नोई मौजूद थे।

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