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    लोकसभा: बसपा सांसद ने किया वंदे मातरम का बायकॉट

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    Updated: Wed, 08 May 2013 02:54 PM (IST)

    कोयला आवंटन घोटाले और रेलवे नियुक्ति घूस कांड पर प्रधानमंत्री, कानून मंत्री व रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग व कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगाम ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। कोयला आवंटन घोटाले और रेलवे नियुक्ति घूस कांड पर प्रधानमंत्री, कानून मंत्री व रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग व कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच संसद के बजट सत्र की कार्यवाही बुधवार को निर्धारित समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

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    उत्तर प्रदेश में चार दलितों की हत्या के विरोध में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करना शुरू कर दिया। वहीं, इस दौरान लोकसभा में बसपा सांसद सफीकुर्रहमान बर्क ने वंदे मातरम का बायकाट किया। स्पीकर ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। इस वजह से संसद की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

    इसके बाद फिर सदन का कार्यवाही शुरू होते ही बसपा व भाजपा ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई है। मायावती ने यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

    वहीं, कोल ब्लॉक आंवटन में अनियमितता को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेलगेट को लेकर रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के इस्तीफे की मांग की। इस दौरान भाजपा ने जमकर हंगामा भी किया।

    बजट सत्र का दूसरा चरण 22 अप्रैल को शुरू होने के बाद से सदन में आज लगातार 11वें दिन भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इस कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया और कार्यवाही मध्याह्न 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई।

    कार्यवाही पुन: शुरू होने पर भी विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर अपने अपने मुद्दों को लेकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के दौरान ही अध्यक्ष ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

    बजट सत्र के दूसरे चरण में एक दिन जरूरी वित्तीय कामकाज जल्दबाजी में निपटाए जाने के अलावा सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले, कोयला ब्लॉक आवंटन मामले व रेलवे घूसकांड में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेलमंत्री पवन कुमार बंसल के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। कुछ अन्य दलों ने भी अपने मुद्दों को लेकर कार्यवाही बाधित की।

    आज भी सदन की कार्यवाही विपक्ष के भारी हंगामे के साथ शुरू हुई। भाजपा के सदस्य कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच में सरकारी दखल देने और रेलवे नियुक्ति रिश्वत कांड का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री, कानून मंत्री और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। शिव सेना व अन्नाद्रमुक के सदस्य भी अपनी सीटों पर खडे़ हो गए।

    शिरोमणि अकाली दल सदस्य भी आसन के नजदीक आ गए। वे 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल से कराने की मांग कर रहे थे। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के सदस्य भी आसन के पास आकर अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। बहुजन समाज पार्टी के सदस्य भी आसन के पास आकर कुछ नारे लगा रहे थे, लेकिन शोर-शराबे में उनकी मांग सुनाई नहीं दी।

    अध्यक्ष मीरा कुमार ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्न काल शुरू करवाते हुए एक सदस्य का नाम पुकारा, लेकिन भारी हंगामे के कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे के लिए स्थगित कर दी। इस स्थगन के बाद कार्रवाई पुन: शुरू होने पर वही नजारा पेश आया। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके पश्चात उन्होंने आसन के नजदीक नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का अनुरोध किया।

    सदन में शोर-शराबा रुकने पर उन्होंने सदस्यों से राष्ट्रगीत वंदेमातरम के लिए खड़े होने को कहा। राष्ट्रगीत की धुन शुरू होते इसी दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क सदन से बाहर चले गए। राष्ट्रगीत की धुन पूरी होने के बाद अध्यक्ष ने इस पर कड़ा एतराज जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रगीत बजने के दौरान एक सदस्य सदन से चले गए। यह बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहती हैं कि ऐसा क्यों हुआ और भविष्य में ऐसा कतई नहीं होना चाहिए।

    इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। प्रारंभ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सदन में मौजूद नहीं थे। वह राष्ट्रगीत की धुन पूरी होने के बाद सदन में पहुंचे।

    गौरतलब कि प्रत्येक सत्र की शुरुआत पर सदन में राष्ट्रगान की धुन और सत्र के समापन पर राष्ट्रगीत की धुन बजाई जाती है।

    सरकार बजट सत्र के इस चरण में अपने दो महत्वांकाक्षी विधेयकों, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक तथा भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उसने किसी तरह सदन में खाद्य सुरक्षा विधेयक चर्चा के लिए पेश किया और गत सोमवार को चर्चा शुरू करने की कोशिश भी हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से यह आगे नहीं बढ़ पाई। भूमि अधिग्रहण विधेयक चर्चा के लिए पेश नहीं किया जा सका।

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