आंध्र प्रदेश में आयुर्वेदिक डॉक्टर स्वतंत्र रूप से कर सकेंगे कुछ चुनिंदा ऑपरेशन, सरकार ने किया ये फैसला
आंध्र प्रदेश सरकार ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को स्वतंत्र रूप से कुछ ऑपरेशन करने की अनुमति दी है। स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव ने प्रशिक्षित स्नातकोत् ...और पढ़ें

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव ने उचित रूप से प्रशिक्षित स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक डाक्टरों को चुनिंदा ऑपरेशन स्वतंत्र रूप से करने की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के साथ एकीकृत करने का निर्णय लिया है। सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
इसमें कहा गया है, ''यादव ने शल्य चिकित्सा में उचित रूप से प्रशिक्षित स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक डाक्टरों को स्वतंत्र रूप से आपरेशन करने के लिए अनुमोदित किया है।''
स्वास्थ्य मंत्री ने दी सहमति
विज्ञप्ति के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद, 2020 और भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के लिए राष्ट्रीय आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप आयुर्वेदिक डाक्टरों को अपनी सहमति दे दी है।
इस निर्णय के साथ, योग्य आयुर्वेदिक डाक्टर 39 प्रतिशत सामान्य शल्य चिकित्सा और 19 प्रतिशत ईएनटी (कान, नाक और गला) और नेत्र संबंधी उपचार कर सकते हैं। इनमें संक्रामक रोगों का उपचार, जख्मों की स्टीचिंग, बवासीर, फिशर, त्वचा प्रत्यारोपण और अन्य उपचार शामिल हैं।
दिया गया ये निर्देश
इसी बीच, यादव ने आयुष विभाग के निदेशक के. दिनेश और अन्य लोगों के साथ आगे की कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की। अधिकारियों ने मंत्री को सूचित किया कि विजयवाड़ा में डा. एनआरएस सरकारी आयुर्वेदिक कालेज के अलावा राज्य में दो निजी आयुर्वेद कॉलेज भी हैं।
यादव ने उन्हें सरकारी आयुर्वेद महाविद्यालय में तुरंत स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ आवश्यक ऑपरेशन थिएटर, शल्य चिकित्सा उपकरण आदि उपलब्ध कराने के उपाय करने का निर्देश दिया।
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