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    असम: बाल विवाह में आई भारी कमी, 5 राज्यों में किए गए सर्वे के आधार पर आई रिपोर्ट खुलासा

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    असम में बाल विवाह के मामलों में भारी गिरावट आई है जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। एक गैर-सरकारी संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार अप्रैल 2022 से मार्च 2025 के बीच लड़कियों के बाल विवाह में 84% और लड़कों में 91% की कमी आई है। मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने इस गिरावट को सरकार के बाल विवाह विरोधी प्रयासों का परिणाम बताया है।

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    बाल विवाह के मामलों में असम में आई गिरावट।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम में बाल विवाह की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस आशय की जानकारी एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा पांच राज्यों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर सामने आई है। यह रिपोर्ट अप्रैल 2022 से मार्च 2025 की अवधि की है।

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    रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि बाल विवाह के खिलाफ सरकार के कड़े कदम के परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बाल विवाह के खिलाफ असम की अथक लड़ाई फलदायी साबित हो रही है, क्योंकि यहां अन्य राज्यों की तुलना में बाल विवाह में सबसे अधिक गिरावट आई है।

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में जारी की गई रिपोर्ट

    टिपिंग प्वाइंट टू जीरो : एविडेंस टुव‌र्ड्स ए चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया नामक रिपोर्ट को हाल ही में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक कार्यक्रम में जारी किया गया। इसे सेंटर फॉर लीगल एक्शन एंड बिहेवियर चेंज फार चिल्ड्रन (सी-एलएबी) द्वारा तैयार किया गया है। यह एनजीओ जस्ट राइट्स फार चिल्ड्रन (जेआरसी) के सहयोगी इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की एक पहल है।

    क्या कहा गया रिपोर्ट में?

    रिपोर्ट में कहा गया है कि असम बाल विवाह में सबसे अधिक गिरावट के साथ देश में अग्रणी है। यहां पिछले तीन वर्षों में लड़कियों के बाल विवाह के मामलों में 84 प्रतिशत और लड़कों में 91 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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