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    अमिताभ यश के नाम से कांपते हैं अपराधी, 150 से ज्यादा कर चुके हैं एनकाउंटर; ददुआ के आतंक को किया था समाप्त

    By Anurag GuptaEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Thu, 13 Apr 2023 09:51 PM (IST)

    माफिया अतीक अहमद का बेटे असद अहमद का यूपी एसटीएफ ने झांसी में एनकाउंटर कर दिया। जिसको लेकर यूपी एसटीएफ की चौतरफा तारीफ हो रही है। ऐसे में यूपी एसटीएफ ...और पढ़ें

    अमिताभ यश के नाम से कांपते हैं अपराधी, 150 से ज्यादा कर चुके हैं एनकाउंटर

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। माफिया अतीक अहमद का बेटे असद के लिए गुरुवार का दिन 'आखिरी' साबित हुआ। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (STF) ने झांसी में हुए एनकाउंटर में असद और गुलाम को मार गिराया। इन लोगों के पास के विदेशी हथियार भी बरामद हुए, लेकिन माफिया अतीक के बेटे के एनकाउंटर की सूचना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। 

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    इस बीच सोशल मीडिया में एक और नाम तेजी से वायरल होने लगा। दरअसल, यूपी एसटीएफ की चौतरफा सराहना हो रही थी, लेकिन सबसे ज्यादा बधाईयां यूपी एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश की हो रही थी। जिनकी देखरेख में एसटीएफ ने असद को मार गिराया।

    ऐसे में हम आपको अमिताभ यश से जुड़ी कई रोचक कहानियां बताएंगे और यह समझाएंगे कि आखिर अपराधी उनके नाम से थर-थर क्यों कांपते हैं ? साथ ही जानेंगे कि बुंदलेखंड के जंगलों से उन्होंने किस प्रकार डाकुओं का आतंक समाप्त किया था।

    कौन हैं अमिताभ यश?

    बिहार में भोजपुर जिले के रहने वाले अमिताभ यश को विरासत में अपराधियों से निपटने गुर मिले हैं। 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे। उनके पिता बिहार कैडर के अधिकारी थे और उन्हीं को देखकर यूपी एसटीएफ के एडीजी को अफसर बनने की प्रेरणा मिली।

    दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद अमिताभ यश ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की और आईपीएस अधिकारी बन गए। इसके बाद उन्हें बतौर कप्तान संतकबीरनगर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, सहारनपुर, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानपुर जैसे शहरों में बतौर एसपी और एसएसपी अपनी सेवाएं दीं।  

    150 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं अमिताभ यश

    अमिताभ यश ने अपने करियर में 150 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। उनके नाम से अपराधी थर-थर कांपते हैं। उन्होंने बुंदेलखंड के जंगलों से डाकुओं का खात्मा किया था। इसी वजह से अमिताभ यश को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। दरअसल, यह मामला साल 2007 का है। जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अमिताभ यश को एसएसपी एसटीएफ बनाया था। 

    उस समय अमिताभ यश ने बुंदेलखंड के जंगलों में अपना ठेरा जमाया हुआ था। जिसकी बदौलत एसटीएफ ने ददुआ को मार गिराया था। हालांकि, ददुआ के खात्मे से बौखलाए ठोकिया गैंग ने एसटीएफ पार्टी पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद अमिताभ यश ने 'ऑपरेशन ठोकिया' चलाने का निर्णय लिया और उनकी टीम ने ठोकिया को भी मार गिराया था।

    अगर अपराधियों को सही रास्ते पर वापस लाना हो या फिर उनके साम्राज्य को तबाह करना हो, तो फिर अमिताभ यश को ही याद किया जाता है। भले ही प्रदेश में किसी की भी सरकार हो। अतीक अहमद को लेकर एक मीम सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था और लोग मजे ले रहे थे कि कहीं विकास दुबे की तरह अतीक अमहद की भी गाड़ी न पलट जाए। हालांकि, कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे का खात्मा अमिताभ यश की टीम ने ही किया था।