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Arnab Goswami News: अर्नब को बॉम्बे हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, निचली अदालत में दायर कर सकते हैं याचिका

रिपब्लिक टीवी के एडिडर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंतरिम याचिका पर आदेश जारी किया है। अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तारी के बाद से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:37 PM (IST)
अर्नब गोस्वामी की जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

मुंबई, जेएनएन। रिपब्लिक टीवी के एडिडर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा और अर्णब गोस्वामी को निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर उनकी जमानत याचिका पर चार दिनों में फैसला लिया जाए। अर्नब आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के एक मामले में बुधवार को हुई गिरफ्तारी के बाद से अर्नब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। 

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— ANI (@ANI) November 7, 2020

पुलिस की रिमांड याचिका पर 9 नवंबर को होगी सुनवाई

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की रिमांड को लेकर रायगढ़ जिले के अलीबाग में एक सत्र अदालत ने एक आदेश जारी किया है। शनिवार को पुलिस की संशोधित याचिका पर सुनवाई करते हुए अलीबाग में एक सत्र अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर 9 नवंबर को सुनवाई करेगी। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के मामले में 2018 के अपहरण के मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। आज बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्नब की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। 

अलीबाग जिला सत्र अदालत ने यह आदेश दिया कि यह सूचित किया गया था कि बॉम्बे उच्च न्यायालय वर्तमान में गोस्वामी और इस मामले के दो अन्य आरोपियों - फिरोज शेख और नितेश सारदा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। पुलिस ने अपने आवेदन में सत्र अदालत से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने और तीनों अभियुक्तों को हिरासत में देने की मांग की थी।

याचिका में अर्नब की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद करने का अनुरोध किया गया है। अर्नब की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और आबाद पोंडा ने उन्हें तुरंत जमानत देने के लिए कई तर्क रखे। हरीश साल्वे ने कहा कि अर्नब को पुलिस अपनी हिरासत में लेने की मांग कर रही थी। लेकिन, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ([सीजेएम)] ने उसकी मांग यह कहते हुए अस्वीकार कर दी कि आरोपित की गिरफ्तारी अवैध है।

कल की सुनवाई में क्या हुआ ?

अर्नब गोस्वामी की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस ने पूछा कि क्या मजिस्ट्रेट के आदेश को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी गई है, इस पर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि मैं कुछ वजह से आदेश दिखाना चाहता हूं क्योंकि सीजेएम ने नोट किया कि मामले को फिर से खोलने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। 

हरीश साल्वे ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि आत्महत्या के लिए अर्नब जिम्मेदार था। यहीं से पूरा मामला शुरू होता है. अर्णब गोस्वामी को एक विशेषाधिकार नोटिस भी जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज विधानसभा सचिव को पत्र के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया है। उन्‍होंने कहा कि पुलिस एक ऐसे पुलिस रिमांड को पाना चाहती है, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अस्वीकार कर दिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को पत्र लिखने के मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के सहायक सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने उनसे दो सप्ताह में यह बताने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए?


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