'आपने हमारे लिए बहुत कुछ किया है, पापा', नौकरी मिलने के बाद पिता को ढेर सारी खुशियां देना चाहता था अंजेल चकमा
त्रिपुरा के 24 वर्षीय अंजेल चकमा की देहरादून में कथित नस्लवादी हमले में हत्या कर दी गई। बीएसएफ हेड कांस्टेबल के बेटे एंजेल ने हाल ही में एक फ्रेंच एमए ...और पढ़ें

देहरादून में अंजेल चकमा की हत्या। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा के रहने वाले 24 साल के अंजेल चकमा की उत्तराखंड में हत्या कर दी गई। उसका बचपन कई राज्यों में बीता क्योंकि पिता बीएसएफ में हेड कांस्टेबल थे और उनकी पोस्टिंग एक जगह से दूसरी जगह होती रहती थी।
परिवार वालों ने बताया कि बार-बार जगह बदलने से उनके बचपन पर असर पड़ा और वह मिलनसार और कम उम्र से ही जिंदगी की अनिश्चितताओं के बारे में जागरूक हो गया था। वह शांत, मिलनसार और झगड़ा न करने वाले इंसान के तौर पर जाना जाता था। इस महीने की शुरुआत में देहरादून में अंजेल पर हमला हुआ, जिसे पुलिस ने कथित तौर पर नस्लवादी हमला बताया है।
पिता से कही थी रिटायरमेंट लेने की बात
एक फ्रेंच एमएनसी में कैंपस प्लेसमेंट से पहली नौकरी मिलने के बाद वह पहले से ही प्लान बनाकर घर लौटा। नौकरी पाने की बात कहते हुए उसने अपने पिता से कहा कि अब आराम करने का समय है। आपने हमारे लिए बहुत कुछ किया है। उसने अपने पिता से वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के लिए कहा था।
मां से कही थी ये बात
पहली सैलरी मिलने वाली थी इसलिए अंजेल ने परिवार के लिए भविष्य की प्लानिंग भी शुरू कर दी थी। उसने गुवाहाटी या कोलकाता में पोस्टिंग लेने के बारे में बात की ताकि वह त्रिपुरा के करीब रह सके और अपनी मां से कहा कि जब वह सेटल हो जाए तो वे उसके साथ रहने के लिए तैयार रहें।
रिश्तेदारों ने बताया कि वह घर की जिम्मेदारी लेना चाहता था और कहा था कि वह परिवार को आर्थिक रूप से सपोर्ट करेगा, जिसमें अपने छोटे भाई माइकल की आगे की पढ़ाई के लिए पैसे देना भी शामिल था, ताकि उसके पिता पर बोझ कम हो सके।

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