'दिमाग की नस फटने से हुई थी मौत... ' देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या, मेडिकल रिपोर्ट मे कई खुलासे
देहरादून में नस्लीय टिप्पणी के बाद आदिवासी छात्र अंजेल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मौत दिमाग में ब्लीडिंग और रीढ़ की ...और पढ़ें

आदिवासी छात्र अंजेल की देहरादून में पीटकर हत्या
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड के देहरादून में नस्लीय टिप्पणी कर एक आदिवासी छात्र को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया। अब इस मामले में छात्र की मेडिकल रिपोर्ट सामने आई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्र की मौत दिमाग में ब्लीडिंग की वजह से हुई थी।
दरअसल देहरादून के सेलाक्वी इलाके में 9 दिसंबर की शाम अंजेल अपने छोटे भाई माइकल के साथ किराने का सामान खरीदने बाहर गया था। इस दौरान शराब के नशे में धुत्त कुछ लोगों ने दोनों भाइयों पर नस्लीय टिप्पणियां कर दीं।
आदिवासी छात्र अंजेल की देहरादून में पीटकर हत्या
रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने दोनों भाइयों को अपमानजनक बातें कही। जब दोनों ने इसका विरोध किया, जो हमलावरों ने मार-पीट शुरू कर दी। इस दौरान माइकल के सिर पर हमला किया गया। वहीं, अंजेला की गर्दन और पेट में चाकू मार दी गई।
सिर की चोट के अलावा, उसके हाथों और पैरों पर कई गहरे घाव थे। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि रीढ़ की हड्डी को गंभीर नुकसान हुआ था। उसके शरीर के दाहिने हिस्से में हरकत बंद हो गई थी।
नस्लीय टिप्पणी के बाद हमला, पांच आरोपी गिरफ्तार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पीड़ित के पिता तरुण प्रसाद चकमा से बात की। इस दौरान उन्होंने घटना पर दुख जताया और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इस मामले में मुख्य आरोपी सूरज खवास (22) और उसके पांच दोस्त थे। जिन्हें 9 दिसंबर को सेलाकुई मार्केट में पकड़ा गया। सूरज मणिपुर का रहने वाला है जो फिलहाल देहरादून में रह रहा है।
एंजेल के पिता, तरुण चकमा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में हैं। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने नस्लभेदी टिप्पणियां कीं और हमले के दौरान उनके बेटे को 'चीनी कहा।
धामी ने कहा कि इस मामले में पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एक और आरोपी के नेपाल भाग जाने का शक है, और उसे पकड़ने की कोशिशें जारी हैं।

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