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    सीमा पर पाक-चीन की नींद उड़ाएगा भारत का 'अनंत शस्त्र'; BEL से हुई बड़ी डील

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 04:41 PM (IST)

    भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित ‘अनंत शस्त्र’ मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए बीईएल को टेंडर जारी किया है। लगभग 30000 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना है। यह मोबाइल सिस्टम चलते-फिरते लक्ष्यों की खोज ट्रैकिंग और उन पर हमला कर सकता है।

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    सीमा पर पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ाएगा अनंत शस्त्र।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित ‘अनंत शस्त्र’, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल हथियार प्रणालियों की पांच से छह रेजिमेंटों की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को एक टेंडर जारी किया है।

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    इस सिस्टम को पहले क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) के नाम से जाना जाता था और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इसे विकसित किया है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना है।

    ऑपरेशन सिंदूर में एएडी ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का मुकाबला करने में सेना की वायु रक्षा (एएडी) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्तमान में एएडी हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय वायु सेना के साथ समन्वय में एमआरएसएएम और आकाश जैसी प्रणालियां संचालित करती है।

    क्या है अनंत शस्त्र की खासियत?

    रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद इस खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह मोबाइल सिस्टम चलते-फिरते लक्ष्यों की खोज, ट्रैकिंग और उन पर हमला कर सकता है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 30 किलोमीटर है, जो मौजूदा MRSAM और आकाश प्रणालियों का पूरक है।

    अधिकारियों के अनुसार, इस मिसाइल प्रणाली का दिन और रात की परिचालन स्थितियों में व्यापक परीक्षण किया गया है। पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान, जिसमें चीनी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था, सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने आकाश और एमआरएसएएम के साथ-साथ एल-70 और जू-23 तोपों पर भरोसा किया, जबकि भारतीय वायुसेना ने स्पाइडर और एस-400 प्रणालियों का इस्तेमाल किया।

    आर्मी कर रही ये तैयारी

    आर्मी एयर डिफेंस पाकिस्तान की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले तुर्की और चीनी ड्रोनों का मुकाबला करने के लिए नए रडार, बहुत कम दूरी की मिसाइल प्रणाली, जैमर और लेजर-आधारित प्रणालियां भी शामिल करने की प्रक्रिया में है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्वदेशीकरण पर जोर दे रहे हैं, जिसमें जोरावर लाइट टैंक और अतिरिक्त स्वदेशी वायु रक्षा प्लेटफॉर्म जैसी आगामी प्रणालियां शामिल हैं।

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