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संशोधित आरटीआइ कानून लागू, सरकार का दावा- पुराने RTI Act को दी गई मजबूती

Amended RTI Act comes into force सिविल सोसाइटी की चिंताओं के बीच केंद्र ने सूचना का अधिकार (संशोधन) कानून-2019 को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 07:27 AM (IST)
संशोधित आरटीआइ कानून लागू, सरकार का दावा- पुराने RTI Act को दी गई मजबूती

नई दिल्ली, प्रेट्र। New RTI Act comes into force सिविल सोसाइटी की चिंताओं के बीच केंद्र ने गुरुवार को सूचना का अधिकार (संशोधन) कानून-2019 को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। कार्मिक मंत्रालय ने बिना किसी विस्तार के जारी अधिसूचना में कहा है, 'केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार (संशोधन) कानून-2019 के प्रावधानों को प्रभाव में लाने की तिथि 24 अक्टूबर 2019 तय कर दी है।' इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों में जुलाई में पारित किया गया था, जबकि अगस्त में राष्ट्रपति ने इसे अनुमोदित कर दिया था।

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हालांकि, सरकार के इस कदम का सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। उन्होंने इसे समिति की स्वतंत्रता पर आघात बताया था। तब कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि यह कदम जल्दबाजी में तैयार किए गए आरटीआइ कानून-2005 को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि पहले इसमें कई कमियां रह गई थीं।

संशोधित कानून के तहत सरकार मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) व सूचना आयुक्तों (आइसी) के कार्यकाल से लेकर वेतन तक का निर्धारण कर सकती है। आरटीआइ कानून-2005 में सीआइसी व आइसी का कार्यकाल पांच साल या 65 वर्ष तक निर्धारित था, जबकि उनका वेतन चुनाव आयुक्तों के समान होता था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन लोकुर ने हाल ही में कहा था कि आरटीआइ कानून में बदलाव नुकसानदेह हो सकते हैं। उन्होंने कहा था, 'जब वेतन व कार्यकाल साफ नहीं होगा तो कोई सूचना आयोग में योगदान क्यों देना चाहेगा?' 

बता दें कि बीते जुलाई महीने में समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार पर ब्रेक लगाने के लिए देश की जनता को पहली बार आरटीआइ का जो शस्त्र मिला था उसे कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं। उन्‍होंने कहा था कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए आरटीआइ और लोकपाल का मजबूत होना बहुत जरूरी है। मौजूदा वक्‍त में जो चीजें हो रही हैं वो देशहित में ठीक नहीं हैं। आरटीआइ एक्‍ट के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले अन्‍ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार देश के विकास की राह में बड़ी बाधा है। 


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