छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय डीजीपी-आइजीपी सम्मेलन, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह होंगे शामिल
छत्तीसगढ़ में पहली बार अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन का आयोजन 28 नवंबर से होगा। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देशभर के पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी आंतरिक सुरक्षा नक्सल विरोधी अभियान और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह उद्घाटन करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समापन सत्र में शामिल होने की संभावना है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में अगले महीने पहली बार अखिल भारतीय डीजीपी-आइजीपी सम्मेलन आयोजित होगा। 28 नवंबर से शुरू होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देशभर से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियान और साइबर सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर इस दौरान गहन चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन के 60वें संस्करण का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। प्रधानमंत्री एक नवंबर को राज्य स्थापना दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ आने की भी संभावना है।
250 वरिष्ठ अधिकारी रहेंगे मौजूद
अधिकारियों के अनुसार, डीजीपी और आइजीपी रैंक के लगभग 250 वरिष्ठ अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से मौजूद रहेंगे, जबकि 200 से अधिक अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे। इस बार सम्मेलन में माओवाद प्रभावित इलाकों पर विशेष जोर रहेगा।
खासकर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हाल के महीनों में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के संयुक्त अभियानों से मिली बड़ी सफलताओं पर चर्चा होगी। इसके आधार पर आगे की नई रणनीतियां तय की जाएंगी।
राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर होगा विमर्श
केंद्रीय गृह मंत्री पहले ही माओवाद समस्या को पूरी तरह खत्म करने की समय सीमा 31 मार्च 2026 तय कर चुके हैं। सम्मेलन में माओवाद के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक, जम्मू-कश्मीर की स्थिति और सीमा प्रबंधन जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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