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    जम्मू व कश्मीर से टला नहीं है अल-कायदा का खतरा, भारतीय उपमहाद्वीप में 200 आतंकी मौजूद: संयुक्त राष्ट्र

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 07:58 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के 200 आतंकी मौजूद। जम्मू व कश्मीर के साथ ही बांग्लादेश व म्यांमार पर ही इस संगठन की नजर। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तरफ से सालाना अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों को लेकर यह रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा एक्यूआइएस को मजबूत करने में जुटा है।

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    भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 200 आतंकी हैं और ओसामा मेहमूद इनका आमिर है।

    नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। कभी विश्व भर में धार्मिक आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटा आतंकी संगठन अल-कायदा की तरफ से भले ही अब कहीं आतंकी हमले नहीं हो रहे हों, लेकिन इसका खतरा ना तो विश्व से खत्म हुआ है और ना ही भारत से। यह संगठन अभी शांत ,है लेकिन भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य समेत भारतीय उपमहाद्वीप के कई दूसरे हिस्सों पर इसकी नजर है और अंदर ही अंदर यह अपनी तैयारियों को भी अंजाम देने में जुटा है। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कही गई है।

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    अलकायदा खुद को मजबूत करने में जुटा

    इसके मुताबिक, भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) के 200 आतंकी हैं और ओसामा मेहमूद इनका अमीर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तरफ से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों को लेकर यह सालाना रिपोर्ट 25 जुलाई, 2023 को ही जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा को लेकर एक सदस्य देश ने कहा है कि यह संगठन एक्यूआइएस को मजबूत करने में जुटा है।

    खास तौर पर यह बांग्लादेश, भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य और म्यांमार में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। इस सदस्य ने भी बताया है कि एक्यूआइएस आने वाले दिनों में आइएसआइएल-के (इस्लामिक संगठन-खोरासान- मध्य व दक्षिण एशिया के लिए आतंकी संगठन आइएसआइएस का अंग) का सदस्य बन सकता है या उसके साथ गठबंधन कर सकता है।

    भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी जताई चिंता

    एक्यूआइएस में दो सौ सदस्य हो सकते हैं। यह संख्या अफगानिस्तान में अल-कायदा के सक्रिय आतंकियों से काफी ज्यादा है। सनद रहे कि कुछ वर्ष पूर्व अल-कायदा और आइएसआइएस ने जम्मू व कश्मीर के कुछ हिस्सों में काफी तेजी से पकड़ बनाने की कोशिश की थी। आतंक प्रभावित कश्मीर के कई इलाकों में इन दोनो संगठनों के बड़े बड़े पोस्टर नजर आने लगे थे और भारतीय खुफिया एजेंसियों की तरफ से इनकी बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता भी सामने आई थी।

    हालांकि, अब इनकी गतिविधियों को लेकर कोई बात सामने नहीं आ रही है। जहां तक एक्यूआइएस की बात है तो इसकी स्थापना वर्ष 2014 में अल-कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने किया था। तब पाकिस्तान के आतंकी असीम उमर को इसका मुखिया नियुक्त किया गया था। तब अल-जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ जम्मू व कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की बात कही थी।

    उमर को बाद में अमेरिकी व अफगानी सैनिकों की संयुक्त कार्रवाई में मार गिराया गया था। वैसे एक्यूआइएस अभी तक इस पूरे महाद्वीप में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाया है। बाद में वर्ष 2017 में भारत व इसके पड़ोसी देशों में एक्यूआइएस की तरफ से आतंकी हमला करने की तैयारियों का पर्दाफाश भी हुआ था।