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    Manipur Horror: मणिपुर वायरल वीडियो की CBI करेगी जांच, गृह मंत्रालय का फैसला; 35,000 सुरक्षाकर्मी तैनात

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 07:34 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर वायरल वीडियो की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपेगा। साथ ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर मणिपुर वायरल वीडियो की जांच राज्य से बाहर कराने का निवेदन करेगी। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस मोबाइल से वायरल वीडियो को रिकॉर्ड किया गया था उसको बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही वीडियो बनाने वाले व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।

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    मणिपुर वायरल वीडियो की CBI करेगी जांच (फोटो: एएनआई)

    नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर वायरल वीडियो की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपेगा।साथ ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा देकर मणिपुर वायरल वीडियो की जांच राज्य से बाहर कराने का निवेदन करेगी।

    मोबाइल फोन बरामद

    आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिस मोबाइल से वायरल वीडियो को रिकॉर्ड किया गया था उसको बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही वीडियो बनाने वाले व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।

    केंद्र की दोनों समुदाय से हुई वार्ता

    सूत्रों ने बताया,

    केंद्र सरकार ने मैतेई और कुकी समुदाय के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत भी की है। कहा जा रहा है कि अबतक प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई है।

    सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। मणिपुर में दवा और दैनिक आपूर्ति वाले सामानों की कोई कमी नहीं है।

    आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।

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    अबतक सात लोगों की हुई गिरफ्तारी

    उल्लेखनीय है कि महिलाओं की नग्न परेड कराने की घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई थी। हजारों लोगों की हथियारबंद भीड़ ने एक गांव पर हमला किया और मकानों को लूटा और उनमें आग लगाई। इसके बाद दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया। बाद में उनसे सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। विरोध करने पर उनके दो पुरुष परिजनों की हत्या भी कर दी गई थी।

    करीब ढाई माह बाद पिछले सप्ताह इंटरनेट मीडिया पर घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद मामला पहली बार सामने आया था। हालांकि, पुलिस का कहना था कि इस मामले में 18 मई को जीरो एफआइआर दर्ज की गई थी। वीडियो प्रसारित होने के बाद सड़क से लेकर संसद तक रोष प्रदर्शन हुए।

    बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकालने के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।