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    No Confidence Motion: 'अविश्वास प्रस्ताव लाने से कोई उद्देश्य नहीं होगा पूरा', विपक्ष पर बरसे प्रह्लाद जोशी

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 08:50 PM (IST)

    संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे (विपक्ष) 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। वे तैयार होकर आए हैं लेकिन वहां थोड़ा विभाजन है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सामान्य रवैये के अनुसार अन्य विपक्षी दलों से सलाह नहीं ली। सबसे पहले विपक्षी दलों के बीच एक-दूसरे के बीच विश्वास होना चाहिए।

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    संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (फोटो: एपी)

    नई दिल्ली, एएनआई। संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और काले कपड़े पहन लेने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

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    क्या कुछ बोले प्रह्लाद जोशी?

    समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में प्रह्लाद जोशी ने कहा,

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे (विपक्ष) 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। वे तैयार होकर आए हैं, लेकिन वहां थोड़ा विभाजन है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सामान्य रवैये के अनुसार अन्य विपक्षी दलों से सलाह नहीं ली। सबसे पहले विपक्षी दलों के बीच एक-दूसरे के बीच विश्वास होना चाहिए। इसके बाद वे प्रधानमंत्री मोदी पर लोगों के विश्वास के बारे में बात कर सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने और काले कपड़े पहनने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

    उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी को प्रधानमंत्री चुना गया तो जनता ने पीएम पर भरोसा दिखाया। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री मोदी की विश्वसनीयता की बात है तो जनता ने 2014 और 2019 में दिखा दिया और अब 2024 में भी दिखाएंगे।

    अविश्वास प्रस्ताव

    कांग्रेस नेता गौरव गोगोई द्वारा बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। बता दें कि संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई। राज्यसभा में गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए देखे गए।

    गौरतलब है कि मणिपुर मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए विपक्षी नेता काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे थे। वे मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं।