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    सभी एयरलाइंस को देनी होगी विदेश जाने वालों की डिटेल्स, उल्लंघन पर 50 हजार तक जुर्माना; क्यों बनाया गया ये नियम?

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 10:35 PM (IST)

    सभी एयरलाइंस को एक अप्रैल 2025 से अनिवार्य रूप से विदेशी यात्रियों का विवरण भारतीय सीमा शुल्क विभाग के साथ साझा करना होगा। उल्लंघन पर भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 10 जनवरी तक एयरलाइंस को एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल में अपना पंजीकरण भी करना होगा। अधिकारियों के मुताबिक यात्रियों डेटा विभाग के पास पांच साल तक सुरक्षित रहेगा। हालांकि इस दौरान उसकी सुरक्षा व गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा।

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    एक अप्रैल से यात्रियों की जानकारी देना अनिवार्य। ( सांकेतिक फोटो )

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2025 से भारत आने वाली सभी एयरलाइंस को अपनी यात्रियों का डाटा भारतीय सीमा शुल्क विभाग को देना होगा। इसमें विमान में सवार यात्री, केबिन क्रू और पायलट का विवरण भी देना होगा।

    10 जनवरी तक सभी एयरलाइंस को एनसीटीसी -पैक्स पोर्टल में अपना पंजीकरण कराना होगा। सरकार ने यह भी कहा कि एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल में दी गई यात्रियों और चालक दल की जानकारी गोपनीय रहेगी। केवल अधिकृत अधिकारियों के लिए यह सुलभ होगी।

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    इन चीजों की देनी होगी जानकारी

    'यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम0 2022' के मुताबिक एयरलाइनों को प्रस्थान से 24 घंटे पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का डेटा सीमा शुल्क अधिकारियों को देना होगा। इसमें यात्री का नाम, बिलिंग/भुगतान की जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर, टिकट जारी करने की तारीख, पीएनआर, इसी पीएनआर में यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों का विवरण, ट्रैवेल एजेंसी और एजेंट की जानकारी, यात्री की ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, बैगेज की जानकारी समेत कुल 19 विवरण देने होंगे।

    उल्लंघन पर एयरलाइंस पर लगेगा जुर्माना

    केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि डेटा को एनसीटीसी-पैक्स के पास देना अनिवार्य है। एयरलाइनों को भेजे गए एक संदेश में सीबीआईसी ने कहा कि प्रत्येक विमान ऑपरेटर को 10 जनवरी तक एनसीटीसी-पैक्स के साथ पंजीकरण करना होगा।

    हर एयरलाइंस को फ्लाइट के उड़ान भरने से 24 घंटे पहले यात्री के नाम व रिकॉर्ड की जानकारी भेजनी होगी। उल्लंघन करने पर एयरलाइंस को 25,000 रुपये से 50,000 रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

    एक वरिष्ठ सीमा शुल्क अधिकारी ने बताया कि इसे वित्त अधिनियम 2017 में किए गए प्रावधान के आधार पर लागू किया जा रहा है। एयरलाइंस शिकागो कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल सिविल एविएशन के तहत यात्रियों की जानकारी एकत्र कर रही हैं। ऐसे में यात्रियों को व्यक्तिगत तौर पर सीमा शुल्क विभाग को कोई जानकारी देने की जरूरत नहीं है।

    पांच साल तक स्टोर रहेगा डेटा

    अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से यह कदम उठाया गया है। इससे सीमा शुल्क विभाग के अधकारियों को मादक पदार्थों, सोने, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी से निपटने में मदद मिलेगी। एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल पर सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के उद्देश्य से यात्रियों की डिटेल्स को पांच साल तक स्टोर करके रखा जाएगा। यात्रियों की पूरी जानकारी गोपनीय और सुरक्षित रहेगी।

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