गांव में स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मिलेगी TB और HIV Test की सुविधा, इन 9 बीमारियों की भी होगी जांच
गांव में भी अब कई बीमारियों की जांच की सुविधा मिल सकेगी। अब इन बीमारियों की जांच के लिए शहर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। आईसीएमआर ने नेशनल इसेंन्सियल डायग्नोस्टिक लिस्ट का संशोधित संस्करण पेश किया है। इन लिस्ट में कुल नौ बीमारियों का नाम है। एनईडीएल के मसौदे पर विभिन्न हितधारकों से फीडबैक और सुझाव मांगे गए हैं जिसके बाद इस पर फैसला होगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। लद्दाख के सुदूरवर्ती गांवों से लेकर अंडमान निकोबार तक, गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के सामावर्ती गांवों तक देश के प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी, मलेरिया, एचआईवी, सिफलिस सहित नौ बीमारियों की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। इन बीमारियों की जांच के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर ही जांच की सुविधा मिलेगी। समय से बीमारी का पता चलने से इलाज भी जल्द शुरू हो सकेगा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने नेशनल इसेंन्सियल डायग्नोस्टिक लिस्ट (एनईडीएल) का संशोधित संस्करण प्रस्तावित किया है। इसमें नौ बीमारियों के नाम शामिल हैं।
इन बीमारियों की जांच का मिल सकेगा फायदा
मसौदे के अनुसार डायबिटीज, मलेरिया, टीबी, एचआइवी और सिफलिस सहित नौ बीमारियों की जांच की सुविधा ग्राम-स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसमें कहा गया है कि ग्राम-स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर इन नौ बीमारियों की जांच के साथ ही हेपेटाइटिस बी की जांच की सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। एनईडीएल के मसौदे पर विभिन्न हितधारकों से फीडबैक और सुझाव मांगे गए हैं।
सुझावों, फीडबैक के आधार पर तैयार की सूची
संशोधित मसौदा सूची हितधारकों से मिले सुझावों और कई परामर्श बैठकों से मिले फीडबैक को शामिल करके तैयार की गई है। आइसीएमआर ने 2019 में पहली एनईडीएल जारी की थी।आईसीएमआर की दूसरी सूची में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), उप जिला अस्पतालों (एसडीएच) और जिला अस्पतालों (डीएच) सहित स्वास्थ्य केंद्रों के विभिन्न स्तरों पर नौ बीमारियों बीमारियों जांच की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच भी हो सुलभ
सिफारिश की गई है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्स-रे और ईसीजी सुविधाओं के साथ ही डेंगू और जापानी इंसेफेलाइटिस और अन्य सामान्य बीमारियों की जांच भी सुलभ होनी चाहिए। जिला स्तर के अस्पतालों में सीटी स्कैन, एमआरआई, मैमोग्राफी और इकोकार्डियोग्राफी की सुविधा होनी चाहिए।
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