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    'AAP की झूठी राजनीति', दिल्ली में धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने के बयान पर LG सक्सेना का जवाब

    दिल्ली में धार्मिक स्थलों को तोड़ने के आरोपों पर एलजी वीके सक्सेना ने आप पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आप सांप्रदायिकता भड़काने वाली झूठी और गंदी राजनीति कर रही है। एलजी सचिवालय ने कुछ दस्तावेज भी जारी किए हैं जिनमें दिखाया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने कई मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी।

    By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 02 Jan 2025 09:53 PM (IST)
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    दिल्ली में धार्मिक स्थलों को तोड़ने के आरोपों पर एलजी वीके सक्सेना ने आप पर निशाना साधा।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली में मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने के बयानों पर एलजी वीके सक्सेना ने निशाना साधते हुए इसे सांप्रदायिकता भड़काने वाली झूठी और गंदी राजनीति करार दिया है। खबर लिखे जाने तक इस संदर्भ में आप या दिल्ली सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।

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    एलजी सचिवालय ने आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कुछ दस्तावेज भी उजागर किए। एलजी सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि इन दस्तावेजों में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद आठ फरवरी 2023 को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में नौ मंदिरों को ध्वस्त करने की सिफारिश की थी।

    'सिसोदिया ने 9 मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी'

    दस्तावेजों में बताया गया है कि केजरीवाल और दिल्ली सरकार के तत्कालीन गृह विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन 9 मंदिरों को तोड़ने की धार्मिक कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। केजरीवाल ने जिन नौ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी, उनमें से सात मंदिर करावल नगर इलाके में स्थित थे, जबकि अन्य दो मंदिर न्यू उस्मानपुर इलाके में स्थित थे।

    'सत्येंद्र जैन ने भी आठ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी'

    इससे पहले 23 जून 2016 को दिल्ली सरकार के तत्कालीन गृह विभाग के मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में आठ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी। दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि वर्ष 2016 से 2023 तक केजरीवाल और उनके मंत्रियों द्वारा कुल 24 धार्मिक ढांचों को तोड़ने की मंजूरी दी गई थी, जिनमें 22 मंदिर और केवल एक दरगाह शामिल थी।

    'धार्मिक मजारों को तोड़ने की सिफारिश को किया खारिज'

    दिलचस्प बात यह है कि सत्येन्द्र जैन ने 17 जुलाई 2017 को दो अज्ञात मजारों को तोड़ने के लिए दी गई धार्मिक कमेटी की सिफारिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इनसे धार्मिक भावनाएं और संवेदनाएं आहत हो सकती हैं। हालांकि धार्मिक कमेटी ने माना था कि इन ढाचों का कोई भी ऐतिहासिक महत्व नहीं था और यहां हर सप्ताह केवल 5-10 लोग ही आते थे। फिल्मिस्तान सिनेमा से डीसीएम चौक तक ग्रेड सेपरेटर के निर्माण के लिए इन दो मजारों को हटाना महत्वपूर्ण था, जिसके लिए भूमि उत्तरी रेलवे द्वारा एमसीडी को हस्तांतरित कर दी गई थी।

    एलजी सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए एलजी के खिलाफ आरोप लगाने वालों को अपने बयान वापस लेने चाहिए और गंदी राजनीति में शामिल होने से बचना चाहिए।

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