AI Plane Crash: दो बार बदले गए थे एअर इंडिया विमान के थ्रोटल कंट्रोल मॉड्यूल, AAIB की रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
एअर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद बोइंग 787-8 विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को दो बार बदला। अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच में फ्यूल स्विच इन दिनों सुर्खियों में है। AAIB की रिपोर्ट में 2019 और 2023 में दो बार टीसीएम बदलने का जिक्र किया गया था। सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने और सवाल खड़े कर दिए हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। एअर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787-8 विमान के थ्राटल कंट्रोल मॉड्यूल (टीसीएम) को दो बार बदला। टीसीएम में ईंधन को नियंत्रित करने वाले स्विच शामिल होते हैं।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच के सिलसिले में फ्यूल कंट्रोल स्विच इन दिनों सुर्खियों में है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 12 जून को विमान के उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दोनों इंजन के फ्यूल स्विच 'रन' से 'कटआफ' स्थिति में चले गए थे। इसके चलते बोइंग का ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
AAIB की रिपोर्ट में कही गई थी ये बात
एएआइबी की शनिवार को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में 2019 और 2023 में दो बार टीसीएम बदलने का जिक्र किया गया था। सूत्रों ने बताया कि बोइंग ने 2019 में ड्रीमलाइनर के सभी संचालकों के लिए एक संशोधित रखरखाव योजना दस्तावेज (एमपीडी) जारी किया था। इसके अनुसार, संचालकों के लिए हर 24 हजार उड़ान घंटों के बाद टीसीएम बदलना अनिवार्य किया गया। 2019 में एमपीडी जारी होने के बाद से एअर इंडिया ने 2019 और 2023 में इस विमान का टीएमसी बदला था।
'विमान में कोई यांत्रिक या रखरखाव संबंधी समस्या नहीं'
एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने और सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने पायलटों और विमान की फिटनेस का बचाव करते हुए कहा कि रिपोर्ट में किसी भी यांत्रिक या रखरखाव संबंधी समस्या का उल्लेख नहीं किया गया है।
विमान हादसे की जांच अभी जारी
विमान दुर्घटना की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। सोमवार को एयरलाइन कर्मचारियों को भेजे गए एक संदेश में उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी होने से दुनिया के साथ हमें भी इस घटना के बारे में अतिरिक्त जानकारी मिलनी शुरू हुई। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इससे न केवल स्पष्टता मिली, बल्कि नए सवाल भी उठे।
ईंधन की गुणवत्ता या टेकआफ रोल से जुड़ी कोई समस्या नहीं थी और पायलटों ने उड़ान पूर्व अनिवार्य ब्रेथलाइजर टेस्ट पास कर लिया था। विल्सन ने आगे कहा कि अत्यधिक सावधानी बरतते हुए और डीजीसीए की निगरानी में हमारे बेड़े में शामिल हर बोइंग 787 विमान की दुर्घटना के कुछ ही दिनों के भीतर जांच की गई और सभी उड़ान के लिए उपयुक्त पाए गए। हम सभी जरूरी जांच जारी रख रहे हैं और अधिकारियों द्वारा सुझाई गई किसी भी नई जांच को भी हम जारी रखेंगे।
स्विच बंद होने की वजह मानवीय भूल : रंगनाथन
विमानन विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने कहा कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले ईंधन स्विच बंद होने की वजह मानवीय भूल थी और दुर्घटना पर एएआइबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में और अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए थी। एएआइबी की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए रंगनाथन ने कहा कि पहला स्विच फेल हुआ और एक सेकेंड बाद दूसरा स्विच भी फेल हो गया।
उन्होंने कहा कि बिजली गुल होने पर स्विच पीछे नहीं खिसकता। उसे स्लाट से बाहर निकालना पड़ता है। फिर उसे रन या कटआफ स्थिति में ले जाना पड़ता है। यह अपने आप नहीं होता, इसे हाथ से ही करना पड़ता है। रंगनाथन ने दावा किया कि यह एक मानवीय भूल है।
रिपोर्ट लीक होने पर प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाए सवाल
शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू को पत्र लिखकर सवाल किया कि अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना से जुड़े संवेदनशील निष्कर्ष भारत में आधिकारिक रूप से जारी होने से पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कैसे ''लीक'' हो गए?
चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट किया-विमान दुर्घटना और उसकी अंतरिम रिपोर्ट पर कोई मूकदर्शक नहीं रह सकता। उड्डयन मंत्रालय को मेरा पत्र। उन्होंने पत्र की प्रति भी पोस्ट की।
पत्र में उन्होंने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा अंतरिम जांच रिपोर्ट को जिस तरह से प्रसारित किया गया, उसके बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। विशेष रूप से भारत में रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में इसका प्रकाशन होने के संदर्भ में।
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