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    Ahmedabad Plane Crash: क्या विमान में सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट होती है 11A सीट? एक्सपर्ट्स ने बताया कितनी है सच्चाई

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 10:51 PM (IST)

    अहमदाबाद विमान हादसे में सीट नंबर 11ए पर बैठे 45 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश एकमात्र जीवित बचे थे। विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि 11ए सीट का सुरक्षित होना सिर्फ एक इत्तेफाक हो सकता है क्योंकि हर दुर्घटना अलग होती है। निकास द्वार के पास बैठने से बचने की संभावना बढ़ सकती है पर यह हमेशा 11ए नहीं होगी।

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    विमान में सीट 11ए सबसे सुरक्षित होने पर विशेषज्ञों में एकमत नहीं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे में 242 में से सिर्फ एक ही यात्री बचा और वो इकोनमी क्लास की सीट नंबर 11ए पर बैठा था। 45 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश के दरवाजे से बच निकलने की घटना ने इस बात पर अटकलें लगाई हैं कि क्या उसकी सीट 11ए सबसे सुरक्षित है।

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    विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि विमान दुर्घटना में 11ए सीट पर बैठा यात्री जरूर बच गया, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि यही सीट हमेशा सेफ रहेगी। यह एक इत्तेफाक हो सकता है।

    कितनी सुरक्षित है 11ए सीट?

    अमेरिका स्थित गैर लाभकारी संस्था फ्लाइट सेफ्टी फाउंडेशन के निदेशक मिशेल फॉक्स ने कहा कि प्रत्येक दुर्घटना अलग होती है और सीट की स्थिति के आधार पर जीवित रहने की संभावना का अनुमान लगाना असंभव है। निकास द्वार के बगल में बैठने से दुर्घटना से बचने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह हमेशा 11ए नहीं होगा क्योंकि विमान में दर्जनों अलग-अलग सीट संरचना होती है।

    इस सीट को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

    सिडनी स्थित एवला एविएशन कंसल्टिंग के अध्यक्ष रान बार्टश ने कहा कि इस विशेष मामले में चूंकि यात्री आपातकालीन निकास द्वार के बगल में बैठा था, इसलिए यह स्पष्ट रूप से उस दिन की सबसे सुरक्षित सीट थी। लेकिन यह हमेशा 11ए नहीं होता है, यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के सीट संरचना में सिर्फ 11ए है। 1971 से अब तक हुए विमान दुर्घटनाओं पर 2007 में किए गए पापुलर मैकेनिक्स अध्ययन में पाया गया कि विमान के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के बचने की संभावना ज्यादा थी।

    विमान का विंग सेक्शन ज्यादा सुरक्षित

    कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि विंग सेक्शन ज्यादा सुरक्षित होता है। विश्वास कुमार की तरह निकास द्वार के बगल में बैठने से आपको विमान से बाहर निकलने वाले पहले लोगों में से एक होने का अवसर मिलता है, हालांकि दुर्घटना के बाद कुछ निकास द्वार काम नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि विमान का जो हिस्सा हास्टल के ग्राउंड फ्लोर पर गिरा, वो हिस्सा वही था जिस सीट पर विश्वास बैठे थे और उनके आसपास थोड़ा खुला स्थान मिला, जिससे वो बाहर निकल पाए।

    जबकि बाकी लोगों की तरफ शायद दीवारें या रुकावटें थीं, इसलिए वे बाहर नहीं निकल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि उड़ान की शुरुआत में सुरक्षा ब्रीफिंग पर ध्यान देना चाहिए, जिसे अक्सर रूटीन के तौर पर अनदेखा कर दिया जाता है। आपके बचने की संभावनाओं को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।

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