इंजन फ्यूल, हाइड्रोलिक सिस्टम, केबिन एअर प्रेशर... जानें कौन-कौन सी जांच से गुजरेगा बोइंग ड्रीमलाइनर
Air India Boeing Dreamliner नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एअर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की प्रत्येक उड़ान से पहले छह बिंदुवार जांच करने का आदेश दिया है। यह आदेश 15 जून 2025 के बाद बोइंग-787 के आठ और नौ मॉडलों पर लागू होगा। उड़ानों के दौरान फ्लाइट कंट्रोल इंसपेक्शन भी किया जाएगा।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। Ahmedabad Plane Crash: एअर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की अब हर उड़ान से पहले गहन जांच की जाएगी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एअर इंडिया को इस संदर्भ में एक विस्तृत आदेश जारी कर बताया है कि 15 जून, 2025 के बाद बोइंग-787 की आठ और नौ मॉडलों के विमानों का हर उड़ान से पहले छह बिंदुवार जांच करनी होगी।
इन विमानों के उड़ानों के दौरान विशेष जांच फ्लाइट कंट्रोल इंसपेक्शन की जाएगी और हर पखवाड़े इन विमानों की हर छोटी-बड़ी दिक्कत को पूरी तरह से दूर करके उसकी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपी जाएगी। डीजीसीए ने जिन बिंदुओं की जांच उड़ान से पहले पूरी करने का आदेश दिया है, वो सामान्य उड़ान प्रक्रिया के अतिरिक्त है।
पहली बार बोइंग ड्रीमलाइर विमानों के जांच के आदेश
यह पहला मौका है जब बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों के लिए इस तरह की जांच का आदेश किसी देश में दिया गया हो। डीजीसीए के आदेश में मूल तौर पर एअर इंडिया को बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को लेकर चार स्तरों पर कदम उठाने को कहा गया है। पहले स्तर में हर उड़ान से पहले छह तकनीकी जांच करने की बात है। इसमें ईंधन पारामीटर मॉनिटरिंग की जांच, केबिन एअर प्रेसर व इससे जुड़े सिस्टम की जांच, इलेक्ट्रोनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम की जांच, इंजन फ्यूल की आपरेशनल जांच व ऑयल सिस्टम की जांच करना, हाइड्रोलिक सिस्टम की जांच और उड़ान भरने से संबंधित पैरामीटर को देखना शामिल है।
विमान इन बातों की होगी जांच
इसमें से कुछ जांच सामान्य तौर पर हर उड़ान से पहले की जाती है। यह भी निर्देश दिया गया है कि इन विमानों की हर उड़ान में फ्लाइट कंट्रोल इसंपेक्शन हो। यह जांच-पड़ताल की एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसमें विमान के मूवमेंट से लेकर दूसरी हर तकनीकी जांच शामिल होती है। कई बार यह विमानों के एयरपोर्ट पर उतरने के बाद और फिर उड़ान भरने से पहले की जाती है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान उड़ाने के लायक है और इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है।
यह आदेश सुनिश्चित करेगा कि बोइंग ड्रीमलाइनर में इस्तेमाल होने वाले जीई एरोस्पेस जीईएनएक्स इंजन की लगातार जांच हो। हर दो हफ्ते में पावर एसुरेंस परीक्षण कराने का भी आदेश इसमें शामिल है। इससे यह पता चलेगा कि विमान के इंजन पूरी शक्ति से काम कर रहे हैं या नहीं।
दुर्घटनाग्रस्त विमान हादसे की जांच के लिए टीमें पहुंची अहमदाबाद
उधर, एअर इंडिया की मूल शेयरधारक टाटा समूह की तरफ से यह सूचना आई है कि एआई-171 हादसे की जांच के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें भी अहमदाबाद पहुंच गई है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रसेखरन ने अपने सहयोगियों को एक पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने दुर्घटना के संदर्भ में कहा है "हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ था। पिछले 24 घंटों में ब्रिटेन और अमेरिका की टीम अहमदाबाद पहुंच चुकी है। हम उन्हें पूरा सहयोग देंगे। दुर्घटना के कारण को पता लगाने के लिए हम पूरी तरह से पारदर्शी होंगे। अभी इस हादसे को लेकर कई तरह की अनुमान लगाये जा रहे हैं, कुछ गलत हो सकते हैं, कुछ सही। हमें अभी धैर्य रखना चाहिए। एक बार हमें सच्चाई की सत्यता का पता चल जाए तो हम इसके बारे में बताने में भी पूरी पारदर्शिता बरतेंगे।"
एफएए करेगी जांच में सहयोग
अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने भारत अपनी टीम रवाना होने से पहले कहा है कि, जांच जहां दुर्घटना हुई है उस देश की टीम ही करेगी, लेकिन एफएए पूरी तकनीक सहयोग देगी। सनद रहे कि एफएए पहले भी ड्रीमलाइनर को लेकर मिली शिकायतों की जांच कर चुकी है। ड्रीमलाइनर के लिए इंजन बनाने वाली कंपनी जीई एरोस्पेस ने भी कहा है कि वह जांच में पूरी मदद करेगी।
गुरुवार को एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन गैटविक उड़ान संख्या एआई-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में सवार 241 यात्रियों, चालक दल व क्रू सदस्यों के मारे जाने की सूचना है। यह विमान बोइंग की ड्रीमलाइनर मॉडल की थी, जिसकी सुरक्षा को लेकर पहले भी कई देशों में सवाल उठते रहे हैं। हालांकि बोइंग का यह दावा रहता है कि उसने दुनिया की सबसे सुरक्षित विमान तैयार किया है। एआइ-171 ड्रीमलाइनर श्रेणी की दुर्घटनाग्रस्त होने वाला पहला यात्री विमान है।
दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिला
दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स शुक्रवार को मिल गया। नागरिक उड्डयन मंत्री नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापू ने सोशल मीडिया पर बताया है कि, अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल के पास दुर्घटना के 28 घंटे बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) को फ्लाइट डाटा रिकार्डर (ब्लैक बाक्स) मिल गया है। यह जांच की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दुर्घटना की जांच करने में इससे काफी मदद मिलेगी।
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