भारत में जन्मी चीता मुखी हुई वयस्क, प्रोजेक्ट चीता को मिली बड़ी सफलता
चीता पुनस्र्थापना प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत में जन्मी मादा चीता मुखी सोमवार को ढाई वर्ष की होकर वयस्क हो जाएगी। ज्वाला चीता ने 29 मार्च 2023 को चार शावकों को जन्म दिया था जिनमें से तीन की मौत हो गई। मुखी को कमजोर पाए जाने के बाद मेडिकल निगरानी में रखा गया। इलाज के बाद उसने शिकार करना सीखा। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे 20 चीते।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीता पुनस्र्थापना प्रोजेक्ट के तहत भारत में जन्मी मादा चीता मुखी सोमवार को ढाई वर्ष की हो जाएगी और इसी के साथ वह वयस्क की श्रेणी में प्रवेश कर जाएगी। कूनो प्रबंधन के अनुसार, यह उम्र चीता के वयस्क होने का मानक है।
29 मार्च, 2023 को ज्वाला चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन भीषण गर्मी के कारण तीन शावकों ने जल्दी ही दम तोड़ दिया। ज्वाला ने इकलौती बची मुखी को छोड़ दिया, जिसके बाद प्रबंधन ने उसे बचाने के लिए अथक प्रयास किए।
मेडिकल निगरानी में मुखी
मुखी अब भारत में जन्मे 16 चीताओं में से सबसे पहले वयस्क चीतों के कुनबे में शामिल होने जा रही है, जो कि प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता मानी जा रही है। प्रोजेक्ट चीता के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि 23 मई, 2023 को मुखी को कमजोर और थका हुआ पाया गया था, जिसके बाद उसे मेडिकल निगरानी में रखा गया।
लाए गए थे 20 चीते
इलाज और देखभाल के बाद मुखी ने खुद शिकार करना सीखा, जो टीम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। बता दें कि कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। अब तक नौ चीतों के अलावा भारत में जन्मे 26 शावकों में से 10 की मौत हो गई है। वर्तमान में 11 चीते और 16 शावक हैं। इनमें से तीन चीते गांधीसागर अभयारण्य में हैं।
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