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    एक सर्जिकल स्ट्राइक से ही टूट गया पाक का तानाबाना, सेना और सरकार में ठनी

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 11 Oct 2016 06:52 AM (IST)

    नवाज शरीफ सरकार पहले ही सेना को अल्टीमेटम दे चुकी है कि विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ने से बचने के लिए आतंकी संगठनों पर कार्रवाई जरूरी है।

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। भारतीय सेना की एक सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान भीतर सेना, सरकार और आतंवादियों के तीन दशक पुराने तानेबाने को तहस-नहस कर रहे हैं। हालात यह है कि भारत के खिलाफ छद्म युद्ध में एक-दूसरे की सहयोगी भूमिका निभाने वाली सरकार, सेना और आतंकियों के बीच आपस में ही ठन गई है और मौजूदा हालात के लिए तीनों एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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    नवाज शरीफ सरकार का सेना को अल्टीमेटम

    नवाज शरीफ सरकार पहले ही सेना को अल्टीमेटम दे चुकी है कि विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ने से बचने के लिए आतंकी संगठनों पर कार्रवाई जरूरी है। इसको लेकर पाकिस्तान के पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और आइएसआइ के महानिदेशक जनरल रिजवान अख्तर के बीच तीखी नोकझोंक तक हो गई। एक तरह से नवाज शरीफ सरकार ने देश के मौजूदा हालात के लिए आतंकियों को संरक्षण देने वाले सेना को जिम्मेदार ठहरा दिया है। अब पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोरे पकड़ने लगी है।

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    नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) के सांसद राणा मुहम्मद अफजल ने यहां तक सवाल उठा दिया कि आखिरकार हाफिज सईद जैसा आतंकी सरगना हमारे के लिए कौन सा अंडे दे रहा है, जिसके कारण हम उसे पाले हुए हैं। नवाज शरीफ सरकार को डर है कि दो साल बाद होने वाले चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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    वहीं पिछले सात दशक से पाकिस्तान के नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली और जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों को अपनी बात मानने के लिए मजबूर करने वाली पाक सेना आसानी से इसे मानने को तैयार नहीं है। सेना मौजूदा हालात को नवाज शरीफ सरकार की कूटनीतिक नाकामी से जोड़ रही है। पाक सेना का कहना है कि नवाज शरीफ सरकार पाकिस्तान का पक्ष दुनिया के सामने ठीक ढंग उठाने में नाकाम रही है। इसी का नतीजा है कि दुनिया का कोई भी देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ नहीं है। सेना को डर है कि कहीं आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई आगे जाकर सेना के अधिकार को सीमित करने तक नहीं पहुंच जाए।

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    वहीं सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा डर आतंकियों में देखने को मिल रहा है। आतंकी संगठनों की हवा खराब है। पिछले तीन दशक में भारत के खिलाफ बड़े-से-बड़ा आतंकी हमला के बाद भी जिस पाकिस्तान में वे सुरक्षित महसूस करते थे, वह उनके लिए अब महफूज नहीं रहा। आतंकियों को डर है कि आगे किसी भी हमले के बाद भारत बदले की कार्रवाई जरूर करेगा और पाकिस्तान सेना व सरकार उसे रोकने में नाकाम रहेगी। पाक सेना से उनकी नाराजगी सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों के शव को दफनाने के तरीके को लेकर भी है। बताया जाता है कि सेना ने अपने जवानों का शव दिन में उठाया और पूरे सम्मान के साथ उन्हें दफनाया भी।

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    जबकि आतंकियों को केवल रात में ही अपने साथियों का शव उठाने की अनुमति दी गई और बात में उन्हें चुपके से दफना दिया गया। इससे आतंकियों का मनोबल काफी टूट गया है। दूसरी ओर आतंकियों को डर है कि पाकिस्तान सरकार और आम जनता की ओर बढ़ रहे दबाव के आगे कहीं पाक सेना उनके खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर न हो जाए।