Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    केरल में बीड़ी मजदूरी करने वाला व्यक्ति अमेरिका में बना जज, कासरगोड में हुआ था सुरेंद्रन के पटेल का जन्म

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 08 Jan 2023 05:36 AM (IST)

    अमेरिका में बसे केरलवासी सुरेंद्रन के पटेल के लिए नया साल एक सपने के सच होने जैसा है क्योंकि उन्होंने टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में 240वें न्यायिक ...और पढ़ें

    केरल में बीड़ी मजदूरी करने वाला व्यक्ति अमेरिका में बना जज, कासरगोड में हुआ था सुरेंद्रन के पटेल का जन्म।

    तिरुवनंतपुरम, आइएएनएस। अमेरिका में बसे केरलवासी सुरेंद्रन के पटेल के लिए नया साल एक सपने के सच होने जैसा है, क्योंकि उन्होंने टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में 240वें न्यायिक जिला न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। जिला न्यायाधीशों को अमेरिका में चुनावों के माध्यम से चुना जाता है। 51 वर्षीय पटेल ने चुनाव के पहले दौर में सिटिंग जज को हराकर अमेरिका में डिस्टि्रक्ट जज बनने वाले पहले मलयाली बने। गरीब परिवार में जन्मे पटेल के लिए यह रास्ता आसान नहीं था, उन्होंने दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और इच्छा शक्ति से इस पद को हासिल किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काफी मुश्किलों से भरी थी पटेल की बचपन

    सुरेंद्रन के पटेल का जन्म केरल के कासरगोड में हुआ और वो यहीं पर पले-बढ़े, जहां उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे। सुरेंद्रन के पटेल की बचपन की जिंदगी काफी मुश्किलों से भरी थी। उन्हें स्कूल और कालेज में पढ़ते वक्त घर को चलाने में सहयोग करने के लिए छोटी-मोटी नौकरियां करनी पड़ीं, ताकि परिवार का गुजारा हो सके। सुरेंद्रन एक मजदूर के तौर पर काम करते थे और फिर उन्होंने एक बीड़ी बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया, ताकि कुछ पैसे कमाया जा सके। वो अपनी बहन के साथ बीड़ी बनाने का काम करते थे।

    आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण छोड़ी पढ़ाई

    एक समय ऐसा आया, जब पारिवारिक स्थिति काफी खराब हो गई और स्थिति इतनी गंभीर हो गई, कि उन्होंने 10वीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और बीड़ी बनाने वाली फैक्ट्री में पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया। इस फैक्ट्री में वो बीड़ी में तंबाकू भरने और फिर उसे पैक करने का काम करते थे। उन्होंने एक बार फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर दी। दूसरी तरफ अपनी रोजी रोटी और परिवार का गुजारा चलाने के लिए वो बीड़ी बनाने की फैक्ट्री में भी काम करते रहे। राजेन्द्रन बचपन से ही वकील बनने का सपना देखने लगे थे, लेकिन उन्हें आगे का रास्ता नहीं पता था।

    कानून की डिग्री मिलने के बाद शुरु की प्रैक्टिस

    साल 1995 में सुरेंद्रन पटेल ने अपनी कानून की डिग्री प्राप्त की और एक साल बाद केरल के होसदुर्ग में प्रैक्टिस करना शुरू किया। उनके काम ने उन्हें ख्याति दिलाई और लगभग एक दशक के बाद वे नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में काम करना शुरू कर दिया। सुरेंद्रन की पत्नी एक नर्स थीं, जिन्हें साल 2007 में अमेरिका के प्रसिद्ध अस्पताल में नौकरी मिल गई, यहां से सुरेंद्रन का अमेरिका का सफर शुरू हुआ। सुरेंद्रन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ह्यूस्टन चले गये। हालांकि, तब सुरेंद्रन के पास नौकरी नहीं थी। चूंकि उनकी पत्नी रात की पाली में काम करती थी, इसलिए उन्होंने बेटी की देखभाल की।

    किराने की दुकान पर की नौकरी 

    उन्होंने एक किराने की दुकान पर एक दिन की नौकरी की। लेकिन यह आसान नहीं था। उन्होंने फिर से अमेरिका में वकालत की दुनिया में प्रवेश करने के लिए नये सिरे से पढ़ाई की और फिर उन्होंने वहां पर परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने ह्यूस्टन ला सेंटर विश्वविद्यालय में एलएलएम में प्रवेश लिया, इसे अच्छे अंकों के साथ पास किया और एक वकील के रूप में फिर से काम करना शुरू किया।

    यह भी पढ़ें- 

    विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस की राह खुली, डिजिटल यूनिवर्सिटी से गांव तक पहुंचेगी नई शिक्षा

    Fact Check : सुनिधि चौहान के 8 महीने पुराने वीडियो को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से जोड़कर किया गया वायरल