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    मणिपुर के 5 जिलों में लोगों ने 42 हथियार किए सरेंडर, पांच अवैध बंकर ध्वस्त; 6 मार्च तक का अल्टीमेटम

    मणिपुर में राज्यपाल के अल्टीमेटम के बाद लोग लगातार अवैध और लूटे गए हथियारों को जमा करवाने में जुटे हैं। पांच जिलों में 42 से अधिक हथियारों को सरेंडर किया गया है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मणिपुर में कानून-व्यवस्था को बहाल करने की कोशिश जारी है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के ताजा हालात पर एक अहम बैठक की थी।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 02 Mar 2025 12:05 PM (IST)
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    मणिपुर में हथियार जमा कराने जाते लोग। ( फोटो- एएनआई )

    पीटीआई, इंफाल। हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हालात अब सुधरने लगे हैं। पांच जिलों में लोगों ने 42 आग्नेयास्त्रों और कारतूसों को सरेंडर किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंफाल पश्चिम और पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तामेंगलोंग जिलों में इन हथियारों को जमा कराया गया है। सुरक्षाबलों ने दो स्थानों पर पांच अवैध बंकरों को भी ध्वस्त किया है।

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    बिष्णुपुर जिले में दो पिस्तौल, छह ग्रेनेड और 75 से अधिक कारतूसों समेत 5 आग्नेयास्त्रों और तामेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस स्टेशन में 17 देशी बंदूक, 9 पोम्पी और कारतूसों को सरेंडर किया गया है।

    पुलिस अधिकारी ने मुताबिक याइंगंगपोकपी, पोरोमपट, चुराचांदपुर और लामसांग पुलिस थानों में 10 आग्नेयास्त्रों और कारतूसों को सरेंडर किया गया है। सुरक्षा बलों ने कांगपोकपी जिले के मार्क हिल में दो अवैध बंकरों को ध्वस्त किया है। वाकन पहाड़ी रेंज में भी तीन अन्य अवैध बंकरों को नष्ट किया गया है।

    भारी मात्रा में हथियार बरामद

    इंफाल पश्चिम जिले के सैरेमखुल में तलाशी अभियान के दौरान 20 राउंड गोला-बारूद से भरी एक मैगजीन, एक इंसास एलएमजी, एक एके-56 राइफल, तीन एसएलआर राइफल, एक एसएमजी 9एमएम कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक डीबीबीएल गन, बिना डेटोनेटर के चार ग्रेनेड, एक चीनी हथगोला और अन्य सामान पकड़ा गया है।

    राज्यपाल ने दिया हथियार जमा कराने का अल्टीमेटम

    मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल समूहों से लूटे गए और अन्य अवैध हथियारों को सात दिनों के भीतर जमा कराने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद इंफाल घाटी और पहाड़ों में बसे लोगों ने अतिरिक्त समय की मांग की। बाद में राज्यपाल ने हथियारों को जमा कराने की समय सीमा को बढ़ाकर 6 मार्च तक कर दिया। सात दिनों के भीतर घाटी के जिलों में 300 से अधिक आग्नेयास्त्रों को जनता ने जमा करवाया है।

    सीएम के इस्तीफे के बाद लगा राष्ट्रपति शासन

    बता दें कि मई 2023 में मैतेई और कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा भड़की थी। 22 महीने की हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अब तक हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। पिछले महीने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।

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