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यह है 2340 साल पुरानी महिला की ममी, इसे देखकर लगेगा अभी-अभी हुई हो मौत!

क्या आपको पता है कि मिस्र के पिरामिड ही नहीं बल्कि भारत में भी हजारों साल पुरानी ममी रखी हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 04:49 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 05:04 PM (IST)
यह है 2340 साल पुरानी महिला की ममी, इसे देखकर लगेगा अभी-अभी हुई हो मौत!

नई दिल्ली [सीमा झा]। क्या आपको पता है कि मिस्र के पिरामिड ही नहीं बल्कि देश में भी हजारों साल पुरानी ममी रखी हुई है? चौंकिए मत आप ममी को केवल फिल्मों में ही नहीं, किताबों, पत्र-पत्रिकाओं में ही नहीं बल्कि सामने से देख सकते हैं जयपुर के मशहूर अल्बर्ट म्यूजियम में। यहां आप देख सकते हैं 2340 साल पुरानी एक महिला की ममी जो इस समय खबरों की सुर्खियों में है। हाल ही में इस ममी की स्थिति को जांचने मिस्र के एक्सपर्ट बुलाए गए थे। अल्बर्ट म्यूजियम से मिली जानकारी के मुताबिक यह ममी मिस्र के पुराने नगर, पैनोपोलिस से खुदाई के दौरान मिली था। यह ममी जिस महिला का है उसका नाम 'तूतू है। बताया जाता है कि मिस्र में उस समय खेम नाम के एक देवता की पूजा की जाती थी। यह महिला उसी देवता के पुरोहितों के परिवार की सदस्या थी।

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महिला की ममी को साल 1880 में ब्रिटिश सरकार मिस्र से भारत लेकर आई थी। उसके बाद से ही इसे जयपुर के अल्बर्ट म्यूजियम में इसे संभाल कर रखा गया है। इस ममी को देखने हर साल सैकड़ों की संख्या में सैलानी आते हैं। इनमें विदेशी सैलानी की भी अच्छी खासी संख्या होती है। यदि आप सोच रहे हैं कि केवल जयपुर के अल्बर्ट म्यूजियम में ही ममी देख सकते हैं तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि जयपुर सहित देश के 6 शहरों के म्यूजियम में ममी रखी हुई है। ये हैं कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद और गुजरात का वडोदरा म्यूजियम। वडोदरा म्यूजियम की ममी को वडोदरा के महाराजा सियाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने खरीद कर म्यूजियम में रखवाया था। यह ममी मिस्त्र के राजकीय परिवार से संबंधित करीब 20 साल की एक लड़की की है।

कैरो के एक्सपर्ट करते हैं देखरेख

इन ममी की देखरेख मिस्र के पिरामिड की देखरेख करने वाले मिस्र स्थित कैरो म्यूजियम के विशेषज्ञों के निर्देश के अनुसार ही होती है। इस बार आई मिस्र से तीन सदस्यों की टीम ने अल्बर्ट म्यूजियम में रखी ममी की रसायन शाखा की टीम के साथ लगभग ढाई घंटे तक ममी की जांच की। आज भी ममी की देह उसी तरह दिखती है जैसे इस महिला की मौत अभी कुछ ही देर पहले हुई हो।

...जब बेची जाने लगी ममी

हालांकि वहां ममी बनाने की परंपरा तो खत्म हो गई थी, लेकिन वहां इतनी मात्रा में ममी इकट्ठा हो गईं थीं जिन्हें संभालना आसान नहीं था। इसलिए 19वीं शताब्दी में तो ममी बेची भी जाने लगी। उसी दौरान ही एशिया के धनवान लोगों में भी ममी खरीदने का प्रचलन बढऩे लगा। ये लोग शौकवश ममी खरीदते और उन्हें सीधे लोगों के बीच ले आते थे।

ममी पर फिल्म

मिस्र की ममी पर हॉलीवुड में कई फिल्में और फिल्मों की सीरिज बन चुकी है। इनमें 'द ममी' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म माना जा सकता है। यदि आप फतांसी और रहस्य-रोमांच से भरी फिल्मों के शौकीन हैं तो यह फिल्म पसंद आएगी।

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