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    क्वालिटी पर खरी नहीं उतरीं 111 दवाएं, इनमें से 70 के सैंपल फेल; दो तो नकली ही निकली

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 09:26 PM (IST)

    जांच में 70 दवाओं के सैंपल फेल निकले। वहीं 41 दवाओं की गुणवत्ता मानक से कम पाई गई। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इन दवाओं की जांच नवंबर में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की लैब में की गई। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और बिहार में एक-एक दवा नकली भी मिली है।

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    मानक पर खरी नहीं उतरी कई दवाएं। ( सांकेतिक फोटो )

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश भर में मानक से कम गुणवत्ता वाली दवाओं के खिलाफ जारी अभियान के तहत नवंबर में 111 दवाओं की गुणवत्ता कम पाई गई। इसके अलावा जांच में दो दवाएं नकली पाई गई। नकली दवाओं के सैंपल में एक गाजियाबाद और दूसरा बिहार से मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम गुणवत्ता वाली और नकली दवाओं के मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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    कई राज्यों में की गई जान

    स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नवंबर में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) के लेबोटरी में जांच के दौरान 41 दवाओं के दवाओं के सैंपल मानक से कम गुणवत्ता के मिले। वहीं राज्यों में की गई जांच में 70 दवाओं के सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरे।

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दवाओं के सैंपल खास बैच के हैं, जिन्हें दुकानों, वितरकों से लेकर जांच की गई है। इसका मतलब यह नहीं है कि बाजार में मौजूद इन दवाओं की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं हो।

    यह भी जानें

    • अनजान कंपनी ने फर्जी कंपनी के नाम पर बनाई नकली दवा।
    • कई राज्यों की जांच में 70 दवाएं मानक पर नहीं उतरीं खरी।
    • अक्टूबर महीने में 56 दवाओं के सैंपल मानक के विपरीत मिले।
    • नवंबर में कम गुणवत्ता वाली दवाओं की संख्या तीन गुना बढ़ी।
    • इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
    • नकली दवा मामले में 10 साल से उम्रकैद तक का प्राविधान।

    असली कंपनी की तलाश जारी

    गाजियाबाद और बिहार से जिन दो दवाओं के सैंपल नकली पाए गए हैं, उन्हीं किसी अनजान कंपनी ने बड़ी कंपनी के नाम पर बनाया है। इन्हें बनाने वाली असली कंपनी का पता लगाया जा रहा है। नकली दवाओं के मामले में आरोपी को कम से कम 10 साल या अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रविधान है।

    क्यों बढ़ रही कम गुणवत्ता वाली दवाओं की संख्या?

    ध्यान देने की बात है कि अक्टूबर महीने में केंद्रीय लेबोटरी में 56 दवाओं के सैंपल और राज्यों की लेबोरेटरी में 24 दवाओं के सैंपल की गुणवत्ता मानक से कम पाई गई थी। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नवंबर में राज्यों में दवाओं के सैंपल की जांच का दायरा बढ़ा है और अधिक राज्य सैंपल की जांच कर अपनी रिपोर्ट भेज रहे हैं। इसी वजह से नवंबर में राज्यों की जांच में कम गुणवत्ता की दवाओं के सैंपल की संख्या लगभग तीन गुना बढ़ गई है।

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