Indian Railway: भारतीय रेलवे का इंजन होता है काफी शक्तिशाली, जानिए कितने CC का होता है रेल इंजन?
Indian Railway आप सभी को पता होगा कि ट्रेन को चलाने के लिए इंजन कितना महत्वपूर्ण होता है। ये भारी-भरकम ट्रेन को खींचने में मदद करता है। लेकिन कभी आपने ये सोचा कि इतनी बड़ी ट्रेन को खींचने वाला इंजन कितना ताकतवर होता है?

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Indian Railway: ट्रेन में सफर करने का अपना अलग ही मजा होता है। छुक-छुक आवाज के साथ खिड़की से बाहर पहाड़ और खेत को देखते हुए सफर का आनंद लेना, ये केवल ट्रेन में ही मिल सकता है। सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंचाने के लिए हम हमेशा ही भारतीय रेलवे का शुक्रिया करते है।
आप सभी को पता होगा कि ट्रेन को चलाने के लिए इंजन कितना महत्वपूर्ण होता है। ये भारी-भरकम ट्रेन को खींचने में मदद करता है। लेकिन कभी आपने ये सोचा कि इतनी बड़ी ट्रेन को खींचने वाला इंजन कितना ताकतवर होता है? क्या है लोकोमोटिव इंजन और कितने सीसी का होता है? आइये जान लेते है...
रेल का इंजन कितना होता है शक्तिशाली?
अगर आप भारतीय रेलवे के पूरे लोकोमोटिव को इंजन समझते है, तो आप गलत है। इंजन लोकोमोटिव का एक हिस्सा है न कि पूरा लोकोमोटिव इंजन है। ये दोनों ही चीजे एक-दूसरे से अलग है। बात करें इंजन की शक्ति की तो, एक डीजल लोकोमोटिव का एक इंजन 16 सिलेंडर और 32 वाल्व का होता है। अगर एक सिलेंडर में 10,941 सीसी की क्षमता होती है, तो 16 सिलेंडर में 175,056 सीसी की क्षमता होगी।
एक सिलेंडर में करीब 150 लीटर डीजल का इस्तेमाल होता है, जबकि चार सिलेंडर वाली कार में एक यो दो लीटर का इस्तेमाल होता है। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि एक डीजल लोकोमोटिव के टैंक में 400-500 नहीं बल्कि 50 हजार लीटर तक डीजल भरा जा सकता है।
लोकोमोटिव इंजन की क्षमता
सड़क पर चलने वाली कार की इंजन की क्षमता को सीसी से मापा जाता है वहीं, लोकोमोटिव इंजन को लीटर में मापा जाता है। एक लीटर का मतलब 1 हजार सीसी, तो डीजल इंजन के एक सिलेंडर की क्षमता 10.94 लीटर हुई। वहीं, 16 सिलेंडर की क्षमता 175 लीटर होगी। ट्रेन के हर लोकोमोटिव इंजन की अलग-अलग क्षमता होती है और उसी के हिसाब से इंजन को काम में लिया जाता है।
लोकोमोटिव में मौजूद होते हैं सुपरचार्जर
एक लोकोमोटिव में सुपरचार्जर भी मौजूद होते हैं, जिसका वजन कई टन का होता है। बता दें कि एक लोकोमोटिव में सुपरचार्जर तक का वजन 15 से 20 टन तक पहुंच सकता है। सुपरचार्जर एक प्रेशर बूस्टिंग उपकरण होता है, जिसका काम इंजन में हवा को पहुंचाना होता है। ये सुपरचार्जर काफी महंगे होते है। बता दें कि कुछ सुपरचार्जर करोड़ों में बिकते है।
किसे कहते है कॉकपिट?
लोकोमोटिव में जहां लोको पायलट(ड्राइवर) और असिस्टेंट बैठे होते हैं, उसे कॉकपिट कहा जाता है। पूरी ट्रेन को कंट्रोल करने वाले को कंट्रोल स्टैंड कहा जाता हैं। रेल के पहिये की रफ्तार ट्रैक्शन मोटर के जरिये चलती हैं। इन मोटर में बिजली आपूर्ती के लिए ट्रांसफॉर्मर की भी जरूरत होती है। बता दें कि ट्रैक्शन मोटर का वजन काफी ज्यादा होता है, जिसे क्रेन की ही मदद से उठाया जा सकता है।
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