Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बीमारी के कारण पेंसिल पकड़ने में होती थी परेशानी, पहले ही प्रयास में यूपीएससी में हासिल की 112वीं रैंक

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 06:02 PM (IST)

    बुलंदशहर के मानवेंद्र सिंह ने सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से जूझते हुए यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा में 112वीं रैंक हासिल कर ली है। उन्होंने यह सफलत ...और पढ़ें

    Hero Image

    संघर्षों में बीता बचपन।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग ने इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है। इस परीक्षा में कई उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है। लेकिन परीक्षा में 112वीं रैंक हासिल करने वाले मानवेंद्र सिंह की कहानी बेहद ही प्रेरणादायक है। मानवेंद्र सिंह ने दिव्यांगता के बावजूद इस परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में 112वीं रैंक हासिल करके यह दिखा दिया है कि अगर आपके हौसले बुलंद हो तो आपकी बीमारी आपको सपने सच करने से रोक नहीं सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानवेंद्र सिंह को यह सफलता रातोंरात नहीं मिली है। उनकी इस कामयाबी के पीछे संघर्ष और सालों की मेहनत छुपी है। आज उनकी कहानी उन हजारों दिव्यांग युवाओं को प्रेरित कर रही है, जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं।

    संघर्ष में बीता बचपन

    मानवेंद्र सिंह का बचपन बेहद ही संघर्षों में बीता है। वह महज छह महीने की उम्र में ही सेरेब्रल पाल्सी नामक बीमारी से ग्रसित हो गए थे। दरअसल इस बीमारी का संबंध सीधे दिमाग से होता है, जिसमें शरीर की नसें सही तरीके से काम नहीं करती है और इंसान को चलने-फिरने में काफी ज्यादा परेशानी होती है।

    यही नहीं मानवेंद्र सिंह के सिर से बचपन में ही उनके पिता का साया उठ गया था। पिता के गुजरने के बाद उनकी मां ने अपने बच्चों का पालन-पोषण नाना-नानी के घर से रहकर ही किया। 

    मां ने दिया साथ

    मानवेंद्र सिंह की मां मोंटेसरी स्कूल में एक प्रिंसिपल हैं। उन्होंने मानवेंद्र सिंह को इस बीमारी से उभरने में काफी ज्यादा मदद की है। दरअसल इस बीमारी से पीड़ित मानवेंद्र सिंह को अपने दैनिक कार्यों को करने में बहुत ज्यादा परेशानी होती थी। लेकिन उनकी मां ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें विपरीत परिस्थितियों में खुद को ढालने में भी मदद की। मानवेंद्र सिंह के दाहिने हाथ में अकड़न थी। लेकिन उनकी मां ने उन्हें उनके बाएं हाथ को ताकत बनाया और उन्हें रोजाना प्रशिक्षित किया। 

    पढ़ाई में अव्वल

    मानवेंद्र सिंह ने कभी भी अपनी दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नहीं माना है। वह शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। उन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं में टॉप-10 की सूची में अपनी जगह बनाई थी। इसके बाद उन्होंने जेईई की परीक्षा में भी अपने पहले ही प्रयास में 63वीं रैंक हासिल की थी। बता दें, सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित होने के बावजूद उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों के दौरान हॉस्टल में रहकर अपने कपड़े खुद धोए और रोजाना 3 से 4 किलोमीटर साइकिल भी चलाई।

    यूपीएससी में हासिल की सफलता

    कॉलेज की पढ़ाई के बाद उनका रुझान यूपीएससी की ओर बढ़ा और उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने महज 24 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा पास कर ली है। आज उनका परिवार और पूरा देश उन पर गर्व कर रहा है। 

    यह भी पढ़ें: अरावली के बाद ये है भारत के सबसे पुराने पहाड़, यहां देखें उनका इतिहास