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    Children's Day speech: बाल दिवस पर यहां से तैयार करें बेहतरीन भाषण, टीचर्स के साथ स्टूडेंट्स भी बजायेंगे तालियां

    Updated: Thu, 14 Nov 2024 08:49 AM (IST)

    हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन उनको याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है। अगर आप इस दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल में भाषण देना चाहते हैं तो यहां से स्पीच को तैयार कर सकते हैं।

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    Children's Day speech: बाल दिवस पर यहां से तैयार करें भाषण। (Image-freepik)

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों की मासूमियत पर हर कोई फिदा रहता है और इन्हीं बच्चों के लिए एक दिन समर्पित है जिसे हम बाल दिवस यानी कि Children's Day के रूप में जानते हैं। बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में नाटक मंचन, कविता पाठ, भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी इस दिन पर स्कूल में भाषण देना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से भाषण तैयार कर स्कूल में स्पीच दे सकते हैं।

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    बाल दिवस पर भाषण (Children's Day speech)

    आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार, मैं यहां पर उपस्थित सभी अध्यापकों, अतिथिगण एवं छोटे एवं बड़े भैया बहनों का अभिवादन करता हूं। जैसा कि हम सभी को ज्ञात है कि हम यहां बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। बाल दिवस के साथ ही हम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती भी सेलिब्रेट कर रहे हैं।

    पंडित नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे। नेहरू जी बच्चों को देश का भविष्य कहकर सम्बोधित करते थे। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई के साथ ही बच्चों के अधिकारों के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके चलते ही उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    चाचा नेहरू का विजन बच्चों के लिए बहुत ही बेहतरीन था, वे चाहते थे कि बच्चों को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं और उन्हें बाल तस्करी, बाल विवाह, यौन शोषण और बाल श्रम जैसी कठिनाइयों से दूर रखा जाये ताकी वे अपना जीवन का आनंद ले सकें। उनके इस विजन को हमें भी आगे बढ़ाना चाहिए। आज हम सब मिलकर एक शपथ लें कि वे बच्चों के अधिकारों का न ही हनन करेंगे और अगर वे ऐसा होते हुए कहीं देखें तो तुरंत ही पुलिस या सरकारी अधिकारी को सूचित करें। जिससे बच्चे बिना किसी दबाव के बालपन का आनंद ले सकें।

    (Image-freepik)

    जाते जाते मैं एक कविता सुनाना चाहता हूं-

    • स्वतंत्रता के सेनानी बच्चों के राजदुलारे थे,
    • ऐसे चाचा नेहरू के चरणों में श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।

    अपने इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं, धन्यवाद।

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