मेरठ का जिक्र आते ही 1857 की क्रांति की याद ताजा हो जाती है। जब मेरठ की छावनी में भारतीय सिपाहियों ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाया था और उसके बाद इस जगह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। यह रामायाण के साथ ही महाभारत काल में भी इस शहर का जिक्र है। रावण की पत्नी मंदोदरी का यह मायका था। राजा परीक्षित यहीं के थे। हस्तिनापुर मेरठ का ही हिस्सा है। इस जगह पर नौचंदी का मेला लगता है जो कि हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। कल का ऐतिहासिक-पौराणिक महत्ता का शहर आज स्पोर्ट्स कैपिटल बन गया है। खेल उत्पाद हों या खिलाड़ी, मेरठ का परचम दुनिया में फैला रहे हैं।
हार्वेस्टिंग यूनिट बनने का काम कितना फीसदी हुआ है?
कर्मचारियों के लिए ईएसआई अस्पताल बनाने का काम कितना हुआ है?
नालों को ढकने का काम कितना फीसदी हुआ है?
शहर में बदलाव के महानायक बनिए, यहां सुझाव दीजिए और शहर को जागरूक बनाइए