Share Market Close: गिरावट के साथ बंद हुआ कारोबारी हफ्ता, सेंसेक्स 231 और निफ्टी 82 अंक फिसला, इस वजह से हुई गिरावट
कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स 231 अंक गिरकर 65397 पर और निफ्टी 82 अंक गिरकर 19542 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी का शेयर आज 31 अंक गिरकर 43723 पर बंद हुआ। बीएसई स्मॉल कैप शेयर जो सुबह के कारोबार में हरे निशान पर था कारोबारी समय के अंत में 291 अंक गिरकर 38198 पर बंद हुआ। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
पीटीआई, नई दिल्ली: कारोबारी हफ्ते की आखिरी दिन शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। शुक्रवार 20 अक्टूबर को सेंसेक्स 231 अंक गिरकर 65,397 पर बंद हुआ और निफ्टी 82 अंक फिसलकर 19,542 पर बंद हुआ।
बैंक निफ्टी आज 31 अंक टूटकर 43,723 पर बंद हुआ। BSE मिड कैप आज 329 अंक गिरकर 31,880 पर बंद हुआ तो वहीं सुबह के कारोबार में हरे निशान पर रहे BSE स्मॉल कैप कारोबारी समय के आखिर तक 291 अंक लुढ़क कर 38,198 पर बंद हुआ।
क्यों हुई बाजार में गिरावट?
लगातार तीसरे दिन बाजार में गिरावट के कारण वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझान और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं। इसके अलावा विदेशी फंड की निकासी से भी बाजार कमजोर हुआ है।
सेंसेक्स के टॉप गेनर और लूजर
कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एनटीपीसी टॉप गेनर रहे।
वहीं आईटीसी, टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील और पावर ग्रिड टॉप लूजर रहे।
निफ्टी के टॉप गेनर और लूजर
कोटक महींद्रा, इंडसइंड बैंक, टीसीएस, एसबीआई लाइफ, एनटीपीसी, नेस्ले, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट के शेयर टॉप गेनर रहे।
वहीं आईटीसी, टाटा स्टील, डीविस लैब, एचयूएल, बीपीसीएल, सिप्ला, हिंडाल्को, हीरो मोटोकॉर्प, यूपीएल, के शेयर टॉप लूजर रहे।
समाचार एजेंसी पीटीआई को जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि
पश्चिम एशिया तनाव से उत्पन्न अतिरिक्त अनिश्चितता और यूएस फेड चेयरमैन द्वारा लगातार मौद्रिक सख्ती पर जोर दिए जाने से बाजार में अस्थिरता बन गई है।
अन्य बाजारों का क्या रहा हाल?
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार भी लाल निशान पर बंद हुए। वहीं यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। कल गुरुवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।
क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेजी
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.29 अमेरिकी डॉलर बढ़कर 93.67 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया क्योंकि हमास-इजरायल संघर्ष बढ़ने से आपूर्ति संबंधी चिंताएं बढ़ गईं।
एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 1,093.47 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
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