Maharashtra Politics: बगावत करेंगे भुजबल? समर्थकों ने अजित पवार के बंगले के बाहर किया प्रदर्शन
पुणे जिले के बारामती में उप मुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार के बंगले के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। पूर्व मंत्री भुजबल राकांपा के दिलीप वाल्से ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। राकांपा के दिग्गज नेता छगन भुजबल को महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से नाराज उनके समर्थकों ने मंगलवार को पुणे में विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि यह ओबीसी वर्ग का अपमान है।
पुणे जिले के बारामती में उप मुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार के बंगले के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। पूर्व मंत्री भुजबल, राकांपा के दिलीप वाल्से पाटिल, भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार और विजय कुमार गावित उन प्रमुख महायुति नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
पुणे जिला कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन
पुणे जिला कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन में भाग लेने वाले एक नाराज समर्थक ने कहा कि राकांपा में सबसे वरिष्ठ नेता होने के बावजूद भुजबल को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है। यदि आपने वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में पद आवंटित करने का फैसला किया था, तो वही नियम भुजबल पर क्यों लागू नहीं हुआ।
एक प्रदर्शनकारी ने मांग की कि अजित पवार ढाई साल बाद भुजबल को उप मुख्यमंत्री पद सौंपने की घोषणा करें। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समुदाय के लिए ओबीसी का दर्जा मांगने के लिए भूख हड़ताल शुरू की तो केवल भुजबल ही ओबीसी के लिए खड़े थे। इससे पहले दिन में भुजबल ने अजित पवार पर हमला करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें कैबिनेट में शामिल करने के पक्ष में थे, लेकिन अंतत: उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
'मैं आपके हाथ का खिलौना नहीं', अजित पवार पर भड़के छगन भुजबल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता छगन भुजबल की नाराजगी बढ़ती जा रही है। भुजबल महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से खफा हैं। उन्होंने मंगलवार को परोक्ष रूप से एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार पर हमला बोला। भुजबल का दावा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने के पक्ष में थे।
अपमानित महसूस कर रहा हूं: भुजबल
छगन भुजबल का 'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना' वाला बयान भी चर्चा में है। मगर अब उन्होंने कहा कि वे बुधवार को पार्टी कार्यकर्ता और अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से चर्चा के बाद फैसला लेंगे। छगन भुजबल की पहचान एक ओबीसी नेता के तौर पर होती है। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री नहीं बनाए जाने से निराश नहीं हूं। मगर इस व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं।

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