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    वक्फ संशोधन बिल जंगल के कानून से भी ज्यादा खतरनाक, उलेमा बोर्ड बोला- खतरे में इस्लामी संपत्तियां

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 06 Apr 2025 05:30 AM (IST)

    उलेमा बोर्ड ने वक्फ संशोधन बिल को जंगल कानून से भी ज्यादा खतरनाक बताया। बोर्ड का दावा है कि यह मस्जिदों और मदरसों जैसी इस्लामी संपत्तियों को खतरे में डालता है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्लामा बानी नईम हसनी ने कहा कि नए बिल की मुख्य समस्या यह है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी वक्फ संपत्ति पर दावा करता है तो कोई दूसरा सरकारी कर्मचारी इस मामले पर फैसला करेगा।

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    मुंबई में वक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उलेमा बोर्ड के सदस्य (फोटो- पीटीआई)

     पीटीआई, मुंबई। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने वक्फ संशोधन बिल को 'काले कानून' या 'जंगल कानून' से भी ज्यादा खतरनाक बताया। बोर्ड का दावा है कि यह मस्जिदों और मदरसों जैसी इस्लामी संपत्तियों को खतरे में डालता है।

    वक्फ संपत्तियों के अस्तित्व को खतरे में डालता यह बिल- बोर्ड का दावा

    संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्लामा बानी नईम हसनी ने कहा कि नए बिल की मुख्य समस्या यह है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी वक्फ संपत्ति पर दावा करता है, तो कोई दूसरा सरकारी कर्मचारी इस मामले पर फैसला करेगा।

    हसनी ने दावा किया कि सरकारी कर्मचारी द्वारा लिए गए फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती। यह बिल मस्जिदों, मदरसों और आश्रय गृहों जैसी वक्फ संपत्तियों के अस्तित्व को खतरे में डालता है।

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    यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है- उलेमा बोर्ड

    उन्होंने दावा किया कि इस तरह से सभी इस्लामी संपत्तियां खत्म हो जाएंगी और यहां तक कि सिख, ईसाई और अन्य समुदायों की संपत्ति भी भविष्य में इसी तरह खत्म हो जाएगी। कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, बल्कि न्याय का मामला है।

    भविष्य की कार्रवाई के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए हसनी ने कहा कि वे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि आल इंडिया उलेमा बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों ने बिल का विरोध करने वाले आइएनडीआइए ब्लाक के सभी सांसदों का स्वागत किया है।

    वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी

    वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी।

    सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था। वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा

    नए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।

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