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    Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 06 Apr 2025 06:59 AM (IST)

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है इसके साथ ही वक्फ संशोधन बिल (Waqf Bill) अब कानून बन गया है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था। वहीं नए कानून को कांग्रेस एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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    वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी (फाइल फोटो)

     पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी।

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    सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था।

    वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा

    नए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।

    मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को निरस्त कर दिया

    संयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।

    वक्फ बिल पर राज्यसभा में 13 तो लोकसभा में 12 घंटे चली बहस

    राज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।

    जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।

    ओवैसी ने फाड़ दी थी बिल की कॉपी

    एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।

    बिल का विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि यह संसद द्वारा बनाया गया कानून है और इसे सभी को मानना पड़ेगा। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज यह संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

    किरेन रिजिजू ने कही ये बात

    अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।

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