ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने खत्म किया अनशन, मांगों को लेकर सरकार से क्या हुई बात?
शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं दोनों मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार के साथ प्रमुख ओबीसी नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में ही ओबीसी नेताओं की ज्यादातर मांगें मान ली गई थीं। इसी बैठक में तय किया गया था कि शनिवार को राज्य सरकार के मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल अनशनकारियों से मिलकर उनसे अनशन खत्म करने की अपील करेगा।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। जालना के वडीगोद्री गांव में पिछले 10 दिनों से अनशन पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे ने शनिवार को सरकारी प्रतिनिधिमंडल के इस आश्वासन के बाद अपना अनशन स्थगित कर दिया कि ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के कोटे में किसी और जाति या वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं दोनों मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार के साथ प्रमुख ओबीसी नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में ही ओबीसी नेताओं की ज्यादातर मांगें मान ली गई थीं। इसी बैठक में तय किया गया था कि शनिवार को राज्य सरकार के मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल अनशनकारियों से मिलकर उनसे अनशन खत्म करने की अपील करेगा।
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तदनुसार आज कई वरिष्ठ मंत्री ओबीसी आंदोलनकारियों से मिलने जालना के वडीगोद्री गांव पहुंचे। उनके साथ वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल भी थे। प्रतिनिधिमंडल ने अनशनकारियों को आश्वासन दिया कि ओबीसी कोटे में मराठों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
मांगों को लेकर सरकार से क्या हुई बात?
प्रतिनिधिमंडल के आग्रह पर अपना अनशन स्थगित करने के बाद लक्ष्मण हाके ने कहा कि उन्होंने अपना अनशन स्थगित किया है। समाप्त नहीं किया है। हमारी एक-दो मांगों को छोड़कर बाकी पर सरकार का रुख सकारात्मक है। हमें सरकार पर भरोसा है। लेकिन यदि ओबीसी आरक्षण को कोई नुकसान पहुंचता दिखाई देगा, तो आंदोलन की अगली दिशा तय की जाएगी।
हाके और वाघमारे का अनशन स्थगित होने से पहले ओबीसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्य सरकार में मंत्री एवं वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में जिन लोगों को मराठा कुनबी के गलत प्रमाणपत्र दिए गए हैं, उनके विरुद्ध केस दर्ज किया जाएगा। उनकी जांच की जाएगी। भुजबल ने ओबीसी कोटे में ही मराठों को आरक्षण देने की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोग जातिवाद फैलाने का काम कर रहे हैं।
'आरक्षण देने से किसी समाज को नुकसान नहीं'
भुजबल के अनुसार, ओबीसी समाज की मांगों पर सरकार से सकारात्मक चर्चा हुई है। इसके बाद ही लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे ने अनशन स्थगित करने का निर्णय किया है। लेकिन ओबीसी आंदोलनकारियों का अनशन स्थगित होने के बाद प्रेस से बात करते हुए मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मराठों को आरक्षण देने से किसी समाज को नुकसान नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय से ही मराठों को कुनबी माना जाता रहा है। हम उसी आधार पर मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देकर ओबीसी कोटे के अंतर्गत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हम सिर्फ अपने हक का आरक्षण मांग रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि जिन मराठों को कुनबी मराठा का प्रमाणपत्र दिया जा चुका है, उनसे ये प्रमाणपत्र कोई वापस नहीं ले सकता। जरांगे ने कहा कि हमारा ओबीसी समाज से कोई विवाद नहीं है। ओबीसी और मराठा समाज में झगड़ा लगाने का काम छगन भुजबल कर रहे हैं।
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