Maharashtra: 'यह मेरे लिए सरकारी नौकरी का सवाल है' मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर था 23 वर्षीय शख्स परेशान, जहर खाकर दी जान
महाराष्ट्र के नांदेड़ में मराठा समुदाय के एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर चल रहे मराठा आरक्षण मुद्दे के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मार्लाक गांव के निवासी दाजीबा रामदास कदम कुछ कामों के लिए शहर आए थे और 11 नवंबर को उन्होंने कथित तौर पर जेंडा चौक इलाके में जहरीला पदार्थ खा लिया। पुलिस ने भाग्यनगर थाने में मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

पीटीआई, छत्रपति संभाजीनगर। Maratha Reservation Issue: महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर 23 वर्षीय युवक ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित दाजीबा रामदास कदम मार्लक गांव के रहने वाले हैं। वह किसी काम से शहर आया था और 11 नवंबर को जेंडा चौक इलाके में उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
'यह मेरे लिए सरकारी नौकरी का सवाल है'
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, दाजीबा को बेहोशी की हालत में पाया गया और तुरंत उसके रिश्तेदारों को सूचित किया गया। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 12 नवंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस को पीड़ित व्यक्ति के पास से एक नोट भी बरामद हुआ, जिसमें उसने लिखा था, 'यह मेरे लिए सरकारी नौकरी का सवाल है। 'एक मराठा, लाख मराठा'। पुलिस ने भाग्यनगर थाने में दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
मराठा आरक्षण क्यों जरूरी?
जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में 30 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले मराठा शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक आरक्षण घोषित करने की नई समय सीमा दी है। उन्होंने मराठा युवाओं से शांतिपूर्वक आरक्षण के लिए लड़ने और अतिवादी कदम न उठाने की अपील की थी।
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