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    ‘लाडकी बहिन योजना’ के लाभार्थियों के लिए बड़ी खबर, इन लोगों से पैसा वसूलेगी सरकार; जानिए क्यों लिया गया फैसला

    Updated: Fri, 30 May 2025 07:51 PM (IST)

    महाराष्ट्र सरकार मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत 2652 महिला कर्मचारियों से 3.58 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी में है। इन कर्मचारियों ने धोखाधड़ी से योजना का लाभ उठाया। सामान्य प्रशासन विभाग के डेटा के सत्यापन के बाद हेराफेरी का खुलासा हुआ। सरकार ने फरवरी 2025 से 7.7 लाख महिलाओं का भुगतान भी रोक दिया है।

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    सरकारी कर्मचारियों द्वारा लिया गया ‘लाडकी बहिन योजना’ का पैसा वसूलेगी सरकार।

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने अब अपनी 2,652 महिला कर्मचारियों द्वारा 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' (एमएमएलबीवाई) योजना के तहत लिए गए पैसे की वसूली के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

    वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश ऐसी महिला कर्मचारियों की पहचान कर ली गई है, जिन्होंने धोखाधड़ी करके योजना का लाभ उठाया है। उनसे 3.58 करोड़ रुपए की वसूली की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

    जानिए कैसे हुआ हेराफेरी का खुलासा?

    पैसे की हेराफेरी का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब विपक्ष आदिवासी कल्याण विभाग जैसे अन्य विभागों की योजनाओं के पैसे इस योजना में लगाने का आरोप लगा रहा है। 

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे राज्य सरकार को इस लोकप्रिय योजना को पूरी तरह से वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिसने विधानसभा चुनावों में मौजूदा सरकार को शानदार जीत दिलाई है।

    महिलाओं को मिलती है 1,500 रुपए की मासिक वित्तीय सहायता

    भाजपानीत महायुति सरकार द्वारा 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले बड़े धूमधाम से शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपए की मासिक वित्तीय सहायता देना शुरू किया था। जिसका महायुति गठबंधन को चुनाव में अच्छा लाभ मिला।

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    अब शिकायतें मिल रही हैं कि कई राज्य सरकार की कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। बड़ी संख्या में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारियों ने नियमों को दरकिनार कर अगस्त 2024 और अप्रैल 2025 के बीच योजना के तहत लाभ प्राप्त किया। इस अवधि के दौरान प्रति महिला कुल 13,500 रुपए प्राप्त किए गए।

    2 हजार से अधिक सरकारी कर्माचारी उठा रहे योजना का लाभ

    सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सरकारी कर्मचारियों का डेटा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझा किया था, जिसकी बाद में यूआईडी-आधारित सत्यापन का उपयोग करके जांच की गई। ऑडिट के बाद पाया गया कि 2,652 महिला सरकारी कर्मचारियों ने अवैध रूप से इस योजना का लाभ लिया है। अब तक करीब 1.2 लाख कर्मचारियों की जांच की जा चुकी है और छह लाख से अधिक कर्मचारियों का सत्यापन होना बाकी है।

    सरकार ने फरवरी 2025 से इस योजना के तहत 7.7 लाख ऐसी महिलाओं के भुगतान भी रोक दिए हैं, जो ‘लाडकी बहिन’ और एक अन्य वित्तीय सहायता कार्यक्रम ‘नमो शेतकरी’, दोनों का लाभ उठाती पाई गईं। राज्य प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जल्द ही डिफॉल्टरों के खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। संबंधित सरकारी विभागों को निर्देश दिए जाने की उम्मीद है कि वे पहचाने गए कर्मचारियों से अवैध रूप से प्राप्त की गई राशि वसूलें।

    अधिकारियों ने मामले को बताया गंभीर

    अधिकारियों ने कहा कि मामला गंभीर है, क्योंकि स्पष्ट नीति दिशानिर्देश सरकारी कर्मचारियों को इस योजना के लिए आवेदन करने से रोकते हैं। फिर भी, इन कर्मचारियों ने आवेदन प्रस्तुत किए और सार्वजनिक धन निकाला, जिससे सेवा आचरण नियमों और योजना विनियमों का उल्लंघन हुआ।

    विभिन्न विभागों के भ्रष्टाचार निरोधक और सतर्कता विंग भी जांच और वसूली प्रक्रिया में सहायता करने की संभावना है। सरकार ने सभी शेष अपात्र लाभार्थियों से अपील की है कि वे कार्रवाई किए जाने से पहले स्वेच्छा से धन वापस कर दें।

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