Maharashtra सरकार का फैसला: नवरात्र में सिर्फ तीन ही दिन आधी रात तक बजा सकेंगे लाउडस्पीकर
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने काफी चर्चा के बाद यह फैसला लिया है कि नवरात्र के समय में सिर्फ तीन दिन ही आधी रात तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट है। ये दिन 1 3 और 4 अक्टूबर हैं।
मुंबई, एजेंसी। नवरात्रि (Navratri) के त्यौहार का जश्न शुरू हो चुका है। सारी तैयारियां कर ली गई हैं। लोगों में खास उत्साह है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने नवरात्र के समय में आधी रात लाउडस्पीकर (Loudspeaker) बजाने की छूट दे दी है। हालांकि, यह छूट सिर्फ 1, 3 और 4 अक्टूबर तक के लिए ही है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आपस में विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है।
सरकार ने बयान में कही ये बात
एक बयान में कहा गया, इस वर्ष नवरात्रि पर्व को उत्साह के साथ मनाने के मद्देनजर मुंबई में 1, 3 और 4 अक्टूबर को लाउडस्पीकर आधी रात 12 बजे तक बजाने की अनुमति जनता को दी जा रही है। मालूम हो कि इससे पहले डिप्टी सीएम फडणवीस ने दो के बजाय तीन दिन रात के 12 बजे तक लाउडस्पीकरों के बजाय जाने की सिफारिश की थी।
लाउडस्पीकर के लिए बनाए गए नियम
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) संशोधित नियम, 2017 के तहत संबंधित जिलाधिकारियों को साल में कुल 15 निर्धारित दिनों में सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक लाउडस्पीकरों के प्रयोग में छूट की घोषणा करने का अधिकार दिया गया है।
नियमानुसार सामान्यतः संबंधित जिलाधिकारियों के लिए 13 दिन निर्धारित किये जाते हैं। साथ ही जिले में स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब दो और अतिरिक्त दिन छूट के लिए आरक्षित हैं।
प्रकाश सुर्वे भी नवरात्र के जश्न को लेकर लिख चुके हैं सीएम को खत
मालूम हो कि इससे पहले, महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य प्रकाश सुर्वे (Prakash Surve) ने सीएम शिंदे को पत्र लिखकर नवरात्र (Navratri) के समय में मध्य रात्रि तक गरबा (Garba) और डांडिया (Dandiya) खेलने की अनुमति मांगी थी।
सुर्वे खुद पिछले बीस सालों से शहर में नवरात्र के जश्न का भव्य तरीके से आयोजन करते आ रहे हैं। मगथाने विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुर्वे ने कहा था कि चूंकि सरकार ने दही हांडी, गणेशोत्सव जैसे कुछ त्यौहारों से पाबंदियां हटाई है इसलिए नवरात्र से भी पाबंदियां कुछ हद तक हटाई जानी चाहिए।