DHFL के प्रमोटर वधावन बंधुओं पर जेल प्रशासन मेहरबान, मिल रही विशेष सुविधाएं; 7 पुलिसकर्मी हुए निलंबित
डीएचएफएल घोटाला मामले में आरोपित दो भाई कपिल और धीरज वाधवान न्यायिक हिरासत में हैं और नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं।दोनों भाइयों पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है इसके बावजूद जेल प्रशासन इन दोनों भाइयों पर मेहरबान नजर आ रही है कई पुलिसकर्मी दोनों भाइयों के उपचार के दौरान विशेष सुविधा प्रदान करते हुए पाए गए जिसके बाद 7 पुलिसकर्मीयों को हिरासत में लिया गया।

मुंबई, एजेंसी। डीएचएफएल (Dewan Housing Finance Corporation Limited) के प्रोमोटर्स कपिल वधावन और धीरज वधावन करोड़ों रुपये के बैंक ऋण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार हैं। दोनों को मुंबई के अस्पतालों में चिकित्सा जांच के दौरान विशेष उपचार प्रदान करने के आरोप में सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने बुधवार इसकी जानकारी दी है।
एक टीवी चैनल ने हाल ही में न्यायिक हिरासत में रहते हुए वधावन बंधुओं को मुंबई के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल जांच की आड़ में विभिन्न विशेषाधिकारों का आनंद लेते हुए दिखाया। आपको बता दें कि वधावन बंधु फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं।
जेल में बंद दोनों आरोपियों को नवी मुंबई पुलिस की एक टीम तलोजा जेल से अस्पताल तक एक जांच के लिए ले गई। अस्पताल के जांच के दौरान, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पाया कि वधावन बंधुओं को ले जाने वाले पुलिसकर्मियों द्वारा लापरवाही की गई थी।
एक उप-निरीक्षक समेत छह कांस्टेबल को किया गया निलंबित
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, इस लापरवाही को देखते हुए एक उप-निरीक्षक और छह कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने मंगलवार शाम को निलंबन आदेश जारी किया गया है।
आपको बता दें कि दोनों वधावन भाई कथित ठगी और धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों का के आरोप में जेल में हैं। पिछले महीने एक विशेष सीबीआई अदालत ने यस बैंक में कथित धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर धीरज वधावन को मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, अदालत ने उन्हें हृदय संबंधी बीमारी के लिए एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी। अदालत ने यह कहते हुए धीरज वाधवान को इलाज कराने कि इजाजत दी कि वह लंबे समय तक अस्पताल में न रहे और उसे ले जाने वाले जेल कर्मचारियों का खर्च वह वहन करे।

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